नजरियाः यूक्रेन से उत्तराखंडियों को वापस लाने की कवायद तेज

यूक्रेन पर रूस के हमलों के बाद वहा फंसे भारतीयों को वापस लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। लेकिन यूक्रेन से बेहद सीमित संख्या में फ्लाइट होने के चलते हजारों भारतीयों को वापस लाने में कई दिन लग सकते हैं। इस बीच उत्तराखंड सरकार ने भी यूक्रेन में फंसे उत्तराखंडियों को वापस लाने के लिए कवायद तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क साधा। उन्होंने कहा कि राज्य के एक-एक नागरिक को सकुशल लाया जाएगा।

बुधवार को रूस ने यूक्रेन के कई शहरों पर हवाई हमले किए। हालांकि अभी नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, लेकिन बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने की चिंता होने लगी है। करीब 20 हजार से ज्यादा भारतीय यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से अधिकतर आईटी सेक्टर औऱ मेडिकल क्षेत्र के हैं। उत्तराखंड के भी 400 से 500 छात्र यूक्रेन में रहते हैं, इनमें से ज्यादातर मेडिकल क्षेत्र के हैं।

इस बीच केंद्र सरकार ने भारतीय नागरिकों को लाने का अभियान शुरू कर दिया है। आज पहली फ्लाइट भारतीयों को लेकर भारत वापस आ गई है। उत्तराखंड के छात्रों के लेकर भी मुख्यमंत्री ने लगातार केंद्र सरकार से संपर्क साधे हैं। इस संबंध में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से भी बात की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय की ओर से आश्वस्त किया गया है कि भारतीय छात्रों व नागरिकों को सकुशल वापस लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद उत्तराखंड राज्य के नागरिकों की जानकारी जुटाई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, उत्तराखंड के कई छात्र यूक्रेन की राजधानी कीव, लिवीव और खारकीव शहरों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए हैं। इनमें राजधानी देहरादून के छात्र भी हैं।