एम्स की आउटरीच सेल ने आनलाइन लोगों की जिज्ञासा को किया शांत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने कोरोना काल में उत्पन्न मनोविकृति व अन्य समस्याओ का समाधान ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से दिया। एम्स ऋषिकेश के निदेशक प्रो. रविकान्त की मौजूदगी में सोशल आउटरीच सेल द्वारा ऑनलाइन कम्युनिटी संवाद का आयोजन हुआ। इसमें राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, डॉ. संतोष कुमार (नोडल अधिकारी सोशल आउटरीच सेल), डॉ. गिरीश सिंधवानी (विभागाध्यक्ष पल्मोनरी रोग विशेषज्ञ) एवं डॉ. संजय अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

निदेशक प्रो. रविकान्त ने कहा कि, एम्स ऋषिकेश कोरोना महामारी के इस कठिन समय में सभी चुनौतियों का सामान करते हुऐ अपनी पूर्ण सेवाएं दे रहा है। उन्होंने कहा कि आउटरीच सेल का कार्य बहुत सराहनीय है, वह देश के हर समाज के हर कोने तक अपनी सेवाएं देकर मरीजों को गंभीर होने से बचा रहे ही हैं।

राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल ने निदेशक प्रो. रविकान्त का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि एम्स ऋषिकेश इस महामारी के समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हम सभी पिछले एक वर्ष से कोरोना से जूझ रहे है, उन्होंने एम्स ऋषिकेश द्वारा ऑनलाइन कम्युनिटी संवाद कि सराहना करते हुए बताया। यह जनमानस की सुविधा के लिए एक उत्कृष्ट कार्य है। इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को एम्स के विशेषज्ञों से पूछ सकता है, और उसका समाधान प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होंने डॉक्टर, नर्स व पारा मेडिकल स्टाफ के आभार व्यक्त किया। जो इस विषम परिस्थिति में अपनी जान जोखिम में डाल के अपनी सेवाएं दे रहे है।

सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉक्टर संतोष ने बताया कि, इस प्लेटफार्म के माध्यम से आप सभी लोगो के लिए एक लिंक जनरेट किया गया थास जिसमें कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या को एम्स के विशेषज्ञों से पूछ सकता है, और उसका समाधान प्राप्त कर सकता हैस गौरतलब है कि पिछले कई दिनों में एम्स के सोशल आउटरीच सेल ने कई स्वयंसेवी संस्थानों के साथ जुड़ कर देश के हर कोने तक कोरोना मरीजों एवं कोरोना से प्रभावित परिवारों को राहत पहुचाई है।

उन्होंने विभिन्न प्रश्नों का जवाब दिया, जो इस प्रकार हैं-
1.सेकंड कोविड-19 वेव के क्या-क्या सिम्पटम्स है? कैसे पता लगेगा की यह सिम्पटम्स कोविड-19 के है या वायरल फीवर के ?
– कोविड-19 के कॉमन सिम्पटम्स है बुखार सुकि खांसी थकान , कंजंक्टिवाइटिस , बॉडीपैन, डायरिया, स्मेल न टेस्ट नहीं आना , सिर दर्द है। सीवियर कंडीशन में सास लेने में दिक्कत और चेस्ट पैन होता हैप्वायरल फीवर है तोह आप रेस्ट लें , पेरासिटामोल हर्र 6 घंटे के अंतर पर रात को सोने के आगे, 1 स्त्रीजीने डॉक्टर की परामर्श से खा सकते है द्य यदि फिर भी आराम न मिले तो आप (आर.पीसी.आर) टेस्ट करवा लें द्य अगर रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी आपको सिम्पटम्स है, तो अपने आपको आइसोलेट करलें और डॉक्टर से परामर्श कर चेस्ट का (सी-टी स्कैन) करवा सकते है जिसमें कोविड-19 इन्फेक्शन का पता चल सकता है।
2.इम्युनिटी को कैसे बूस्ट-अप करें?
– इसके लिए सबसे जरूरी है भर पेट खाना खाना जिसमे 7 कलर जिसको की रेनबो फूड आइटम्स भी कह सकते है खाने चाहिए, जैसे की दाल, चावल रोटी सब्जी, पत्ते दार सब्जी अवं फ्रूट्स, कम से कम 2-4 लीटर पानी पिए दिन में फिजिकल एक्टिविटी जैसे की ब्रिस्क वाक, योग, मैडिटेशन या फिर फ्री हैंड एक्सरसाइज करे, आठ घंटे की अच्छी नींद ले।
3. क्या वैक्सीनेशन प्रेगनेंसी में लगाया जा सकता है?
– प्रेगनेंसी एवं ब्रैस्ट फीडिंग मदर को वैक्सीन नहीं लगाया जा सकता।
4.कोविड पॉजिटिव होने के कितने दिन बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए?
-कोविड से रिकवरी के बाद आप 4-6 सप्ताह में वैक्सीन लगवा सकते हैं।
5. क्या पहले दिन से एंटी-बायोटिक लेनी चाहिये?
-बिल्कुल नहीं लेनी चाहिये क्योंकी कोरोना एक वायरल फीवर है, जिसमे परम्बिक दिन में एंटी-बायोटिक लेना आवश्यक नहीं है।
6.अगर हम टीका लगाएंगे तो हम कोरोना से संक्रमित नहीं होंगे?
-वैक्सीन लगा लेने से आपको इन्फेक्शन कभी होगा ही नहीं यह नहीं बोला जा सकता, हाँ वैक्सीन लगने के बाद यदि आपको इन्फेक्शन होता है तो उसकी सेवरिटी बहुत कम होती है और हमें वेंटीलेटर जैसे उपकरणों की जरूरत नहीं पड़ेगी, हम घर पर ही क्वारंटाइन रह सकते है और ठीक हो सकते है।
7.जो भी होम आइसोलेटेड हैं उन्हें किस तरह का शेड्यूल मेन्टेन करना होगा?
– इसमे आप अपनी नियमित दिनचर्या का पालन कर सकते हैं, फ्रूट्स ले सकते हैं, संतुलित आहार ले सकते हैं, ऐसा आहार लें जिससे आपके शारीर को पोषक तत्व मिले, प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी का सेवन करें व खुद को हाइड्रेट रखें। घबराये नहीं व कोई भी तकलीफ महसूस होने पर चिकित्सक से परामर्श लें।