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दूर संचार सेवाएं दुरस्त करने पर राज्य सरकार का जोर

अशोक कुमार मित्तल, आई.टी. एस. महानिदेशक दूरसंचार, दूरसंचार विभाग ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धु से मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में दूरसंचार के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रणनीति पर चर्चा की। इस चर्चा में शहरी विकास प्राधिकरणों के उप कानूनों को उत्तराखंड राइट ऑफ वे पॉलिसी 2018 के अनुसार करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप, पंचायत संस्थानों द्वारा भारतनेट नेटवर्क का उपयोग, जिला और राज्य स्तरीय दूरसंचार समितियों की नियमित बैठक, ट्रांसमिशन लाइनों के साथ ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (ओपीडब्ल्यूजी) की तैनाती आदि शामिल है।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने उत्तराखंड क्षेत्र में नेटवर्क कवरेज में सुधार के लिए दूरसंचार टावरों की अनुमति की शीघ्र मंजूरी के महत्व पर जोर दिया। ऑप्टिकल फाइबर केबल के दोषों की मरम्मत के लिए सड़कों की खुदाई के लिए बी.बी.एन.एल. (भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड) को अनुमति पर भी चर्चा की गई।
इस दौरान मुख्य सचिव ने प्रमुख सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आर. के सुधांशु को निर्देशित किया कि उत्तराखण्ड में दूरसंचार सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित जो भी प्रस्ताव आते हैं। उनका सम्बन्धित जिलाधिकारियों के माध्यम से तत्काल निस्तारण करवायें। साथ ही उन्होंने इस सम्बन्ध में महानिदेशक दूरसंचार को स्थानीय डाटा भी उपलब्ध करवाने को कहा।
महानिदेशक (दूरसंचार) ने सचिव (आपदा प्रबंधन) एस ए मुरुगेसन से भी मुलाकात करते हुए उत्तराखंड राज्य में आपदा के दौरान दूरसंचार के बुनियादी ढांचे की बहाली और प्रबंधन की रणनीति के बारे में चर्चा की। उन्होंने बचाव, राहत और पुनर्वास पद्धति शुरू करने में दूरसंचार सेवाओं की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें आपदाओं से निपटने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस.ओ.पी.) 2020 के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा आयोजित मॉक ड्रिल के बारे में जानकारी भी दी।