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1353 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश, रोजगार और कानून व्यवस्था पर विपक्ष का वॉक आउट

उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 का दूसरा अनुपूरक बजट 1353 करोड़ रुपए का पेश किया। सत्र के दूसरे दिन रोजगार पर विपक्ष और सरकार के बीच जमकर बहस हुई। सरकार के आंकड़ों से संतुष्ट न होने पर प्रश्न काल में विपक्ष द्वारा रोजगार के मुद्दे पर वॉक आउट किया गया। नेता विपक्ष प्रीतम सिंह और विधायक काजी निजामुद्दीन ने सरकार पर बेरोजगारों को गुमराह करने का आरोप लगाया। प्रीतम सिंह ने कहा कि 2020 में सरकार का दावा था कि 10 लाख को रोजगार दिया गया। अब सदन में कहा गया कि सात लाख को रोजगार दिया गया है। उन्होंने सदन में गलत जानकारी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की चेतावनी दी। इसके अलावा विपक्ष ने कानून व्यवस्था को लेकर भी जमकर हंगामा किया।

भाजपा का दावा, 10 लाख से ज्यादा रोजगार दिए
संसदीय कार्य मंत्री बंशीधर भगत ने मोर्चा संभालते हुए इन आंकड़ों में आउटसोर्स और अन्य रोजगार को न जोड़ने की बात कही। इधर कांग्रेस के आक्रामक रुख पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मीडिया में बयान जारी कर कहा कि रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष के सवाल औचित्यहीन है,क्योंकि आंकड़े गवाह है कि भाजपा ने अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता तो 3200 लोगों को रोजगार की सूची देने पर राजनीति से संन्यास लेने की घोषणा भी कर चुके थे। जबकि 16980 लोग लोक सेवा आयोग तथा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग से नियुक्ति पा चुके हैं। 15789 पदों पर चयन प्रक्रिया चल रही है। वहीं आउट सोर्स और अनुबंध सहित अन्य तरह से 1,15159 लॉगो को रोजगार मिला है। इसके अलावा महात्मा गांधी ग्रामीण स्वरोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत लाखों लोगों को रोजगार दिया गया है। पीएमजीएसवाई, सहकारिता, उद्यान, क़ृषि और पर्यटन सहित कई विभागों में लाखों लोगों को रोजगार मिला है। यह आंकड़ा 10 लाख से कहीं अधिक है। हालांकि कोरोना काल में 2 वर्ष पूरे विश्व की स्थिति रोजगार को लेकर डगमगा गई थी ,लेकिन इससे प्रदेश में रोजगार की स्तिथि पर कोई फर्क नहीं पड़ा। सरकार ने सीमित संसाधनों के वावजूद लोगो को इलाज से लेकर भोजन,राशन मुहैया कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज युवा उत्साहित है और स्वरोजगार की जो योजनाये सरकार ने सन्चालित की है उसके नतीजे आने शुरू हो गये है। वहीं आने वाला समय उत्तराखंड के बेहतरी का है,क्योंकि प्रधानमंत्री ने 10 साल का रोडमैप तैयार किया है और 2025 में उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य होगा।

आठ विधेयक पटल पर रखे गए
गुरुवार से शुरू हुए सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को सरकार ने अपना सदन में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक 2021 समेत आठ विधेयक पटल पर सरकार ने रखे। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को समाप्त करने का निर्णय लिया गया था। इसके अलावा सरकार नजूल भूमि पर फ्री होल्ड का अधिकार देने के लिए भी सदन में बिल पेश किया। इस बिल के तहत सरकार नजूल भूमि को फ्री होल्ड करने के लिए नीति को लागू करेगी।

सदन में पेश हुए ये विधेयक
1-उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन निरसन विधेयक, 2021
2-उत्तराखंड पंचायती राज द्वितीय संशोधन विधेयक, 2021
3-आम्रपाली विश्वविद्यालय के विधेयक, 2021
4-उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021
5-सोसाइटी रजिस्टरीकरण उत्तराखंड संशोधन विधेयक, 2021
6-उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश) लोक सेवा (अधिकरण)(संशोधन) विधेयक 2021
7-उत्तराखंड सिविल विधि संशोधन विधेयक, 2021
8-उत्तराखंड कृषि उत्पाद मंडली, विकास एवं विनियमन पुनर्जीवित विधेयक 2021