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भारतीय थल सेना को मिले 319 युवा जांबाज अधिकारी

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड (पीओपी) के साथ ही आज भारतीय थल सेना को 319 युवा जांबाजों की टोली मिल गई। इसके साथ ही मित्र देशों के 68 कैडेट भी पास आउट हुए।पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद पासिंग आउट बैच के 387 जेंटलमैन कैटेड बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए हैं।
68 युवा सैन्य अधिकारी आठ मित्र देशों अफगानिस्तान, भूटान, श्रीलंका, नेपाल, मालद्वीव, म्यांमार, तंजानिया व तुर्किमेनिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने हैं। इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 63 हजार 668 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है। इनमें मित्र देशों को मिले 2624 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

राष्ट्रपति ने ली परेड की सलामी, सीडीएस रावत को किया याद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर निरीक्षण अधिकारी परेड की समीक्षा की और पास आउट हो रहे जेंटलमैन कैडेटों से सलामी ली। उनके साथ में कमांडेंड लेफ्टिनेंट जनरल हरिंद्र सिंह और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर विजेता आनमोल गुरुंग भी मौजूद रहे। इसके बाद भावी सैन्य अफसरों की भव्य मार्चपास्ट हुई। समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कैडेट्स को अवॉर्ड से सम्मानित किया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए कहा कि जनरल रावत में असाधारण नेतृत्व क्षमता थी। उनकी मृत्यु ने एक शून्यता पैदा की है जिसे भरा नहीं जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि हम ऐसे वक्त पर यहां एकत्र हुए हैं जब पूरा देश जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन से सदमे में है। कहा कि उत्तराखंड उनका घर था और उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया था। असाधारण कौशल के लिए उन्हें आईएमए में स्वोर्ड ऑफ आनर से भी सम्मानित किया गया था।
खुद सीडीएस जनरल रावत ने भी अकादमी का गौरव बढ़ाया है। उनसे पहले फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ और कई अन्य असाधारण योद्धाओं एवं रणनीतिकारों ने यहां से एक युवा कैडेट के तौर पर अपने सैन्य कैरियर की शुरुआत की थी। इनमें कुछ ने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया तो किसी ने अपने रणकौशल व नेतृत्व क्षमता से देश का मान बढ़ाया। उन्होंने भरोसा जताया कि वीरता और ज्ञान को समाहित कर जेंटलमैन कैडेट अकादमी की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाएंगे। आईएमए में कड़ा सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने पर कैडेटों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सैनिक के रूप में उनकी सेवा और समर्पण शांतिपूर्ण, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत की ताकत में इजाफा करेगा। कहा कि हमें इस अवसर पर अकादमी से पासआउट कई शानदार अधिकारियों में से एक जनरल बिपिन रावत द्वारा प्राप्त प्रतिष्ठा को याद करना चाहिए। जो अपनी कड़ी मेहनत से भविष्य की पीढ़ी के लिए सैन्य आचरण के रोल मॉडल के रूप में उभरे। 
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि हमारा राष्ट्र ध्वज तिरंगा हमेशा ऊंचा लहराएगा, क्योंकि आईएमए से पास आउट हो रहे बहादुर कैडेट इसके सम्मान की रक्षा करेंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि मौजूदा समय में देश क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। इसलिए कैडेटों को यह ध्यान रखना चाहिए कि आधुनिक दौर के खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक व मानसिक मजबूती ही काफी नहीं है। उन्हें एक रणनीतिक मानसिकता के साथ ही अनुकूल स्वभाव भी विकसित करना होगा। सैन्य कौशल में सुधार के लिए जरूरी मानसिक लचीलापन भी हासिल करना होगा। राष्ट्रपति ने सेना में शामिल हो रहे युवा अफसरों को अप्रत्याशित चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा। परेड में दस मित्र देशों के कैडेटों को देख उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि हम अपने देशों के बीच विशेष बंधन को संजोते हैं, और यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि मित्र देशों के कैडेट पासआउट हो रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि विदेशी कैडेट आईएमए में अपने प्रशिक्षण के दौरान अपने सहयोगियों और प्रशिक्षकों के साथ बनी मित्रता के अनूठे बंधन को बनाए रखेंगे।
कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए इस बार भी परेड के दौरान हर स्तर पर बेहद सतर्कता बरती जा रही है। आईएमए के ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड सुबह साढ़े सात बजे से शुरू हुई। इस दौरान कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल हरिन्द्र सिंह और डिप्टी कमांडेंड आलोक जोशी ने परेड की सलामी ली। इससे बाद जनरल कमांडिंग ऑफिसर ले.जनरल राज शुक्ला ने परेड की सलामी ली। राज्यपाल गुरमीत सिंह और सीएम पुष्कर सिंह धामी भी परेड में पंहुचे। पीओपी को सादगी से आयोजित किया जा रहा है। परेड के दौरान ड्रिल स्क्वायर पर मार्चपास्ट, अवार्ड ड्रिस्ट्रीब्यूशन, पीपिंग व ओथ सेरेमनी की रस्म तो निभाई गई, लेकिन जश्न नहीं मनाया गया।

उत्तराखंड से देश को मिले 43 अफसर
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेटों में 43 उत्तराखंड के हैं। यह शनिवार को पासआउट हुए 319 भारतीय कैडेटों की संख्या का 14 फीसदी है। इस बार भी पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के कैडेटों की संख्या सबसे अधिक 45 हैं।

राज्यवार कैडेटों की संख्या
उत्तर प्रदेश से 45, उत्तराखंड से 43, हरियाणा से 34, बिहार से 26, राजस्थान से 23, पंजाब से 22, मध्य प्रदेश से 20, महाराष्ट्र से 20, हिमाचल प्रदेश से 13, जम्मू कश्मीर से 11, दिल्ली से 11, तमिलनाडु से 7, कर्नाटक से 6, केरल से 5, आंध्र प्रदेश से 5,  चंडीगढ़ से 5, झारखंड से 4, पश्चिम बंगाल से 3, तेलंगाना से 3, मणिपुर से 2, गुजरात से 2, गोवा से 2, उड़ीसा से 2, असम से 2, मिजोरम से 2, छत्तीसगढ़ से 2, मिजोरम से 2

इन्हें मिला अवॉर्ड
स्वॉर्ड ऑफ ऑनर-एसीए अनमोल गुरुंग
ऑर्डर ऑफ मेरिट में स्वर्ण पदक- एसीए अनमोल गुरुंग 
रजत पदक – बीओ तुषार सपरा 
कांस्य पदक – बीसीए आयुष रंजन
चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर – केरेन कॉय
श्रेष्ठ विदेशी कैडेट – बीओ सांगे फेनडेन दोरजी (भूटान)
रजत पदक (टीजीसी)जूनियर अंडर आफिसर कुणाल चौबीसा

मुंह पर मास्क पहन परेड में शामिल हुए कैडेट, अंतिम पग पार कर देश सेवा में हुए समर्पित

देश के 333 भावी सैन्य अफसर आज देश सेवा में समर्पित हुए। इसके अलावा 90 विदेशी कैडेट्स भी अपने देश की सेना में शामिल हुए। इनमें 90 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, मालद्वीव, फिजी, पपुआ … अधिक पढ़े …

आइएमए पासिंग परेडः रक्षा मंत्री ने जवानों में भरा जोश

देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना में शामिल हुए युवा सैन्य अधिकारियों से सेवा एवं शांति का संदेश दुनिया तक ले जाने को कहा। उन्होंने कहा कि … अधिक पढ़े …

भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट 382 जांबाज अधिकारी बनें भारतीय सेना का हिस्सा

भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर 382 जांबाज अधिकारी भारतीय सेना का हिस्सा बन गए, जबकि मित्र राष्ट्रों के 77 कैडेट्स भी पास आउट हुए। पासिंग आउट परेड में मुख्य अतिथि दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन … अधिक पढ़े …