आईडीपीएल में बेदखली के मामले ने पकड़ा तूल, कांग्रेस नेता ने दिया समर्थन

आवासीय कल्याण समिति आईडीपीएल द्वारा कई परिवारों को बेदख़ल करने के नोटिस के विरोध और नगर निगम क्षेत्र में आईडीपीएल क्षेत्र को सम्मिलित करने को लेकर आईडीपीएल के राम मन्दिर बाज़ार में करवा चौथ के दिन व्रती महिलाओं ने प्रबंधन के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया। एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने भी धरने पर पहुंचकर लोगों को अपना समर्थन दिया।
इस अवसर पर जयेन्द्र रमोला ने कहा कि जहां एक और पूरे देश में मातृ शक्ति करवाचौथ का व्रत रख कर अपने घरों पर पूजा पाठ कर रही हैं। वहीं, दूसरी ओर आईडीपीएल क्षेत्र की मातृ शक्ति अपने अधिकारों व अपने घरों को बचाने के लिए यहा धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूछना चाहता हुं कि कुछ माह पूर्व जो सरकार के द्वारा आईडीपीएल कारख़ाने में ऑक्सीजन प्लांट को चलाने के लिए सेना के इंजीनियरों को कार्य सौंपा था और इसमें लाखों रुपये भी खर्च हुए परंतु क्या आज वहां पर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा हैं। अगर उत्पादन हो रहा हैं तो प्लांट को क्यों बंद करवाया जा रहा हैं और अगर उत्पादन नही हो रहा है तो क्यों लाखों रुपयों के साथ साथ सेना का समय क्यों बर्बाद किया गया। जबकि उस समय क्षेत्रीय विधायक व क्षेत्रीय सांसद ने इस प्लांट को लेकर अपनी पीठ थप-थापने का काम किया था।
समिति के अध्यक्ष रामेश्वरी चौहान व सचिव सुनील कुटलैहडिया ने कहा कि चाहे जो हो जाये आने वाले कुछ दिनों में इस आंदोलन को वृहद स्तर पर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईडीपीएल प्रबंधन के साथ-साथ सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों को भी चेताया जायेगा। उन्होंने कहा कि अगर हमे नगर निगम में सम्मिलित नहीं किया गया या हमें बेघर करने का प्रयास किया गया तो इसका परिणाम आगामी चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
धरने पर बैठने वाले समिति के सचिव सुनील कुटलैहडिया, रामेश्वरी चौहान, सारिका कुटलैहडिया, नंदनी भंडारी, कल्पना चौहान, संगीता उनियाल, मंजू रावत, सारिका सिंह, पूजा, सरोज, अनिता, सुधा, कुसुम थापा, उर्मिला, आदित्य, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक गौनियाल, वैभव, नीलम चंदानी, मौली कर्माकर, सूरज कुकरेती, सुमित्रा बिष्ट आदि धरने पर बढ़ी संख्या में महिलायें व वरिष्ठ नागरिक उपस्थित रहे।