भीतरघात की बात उठाने वालों विधायकों को सीएम की नसीहत, सार्वजनिक न कहकर पार्टी फोरम में रखें

मतदान के बाद से ही भाजपा के कई नेता भीतरघात होने की आशंका जता रहे हैं। संजय गुप्ता, हरभजन चीमा, कैलाश गहतोड़ी, केदार सिंह रावत के बाद अब कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी भीतरघात की आशंका जताई है। लेकिन मुख्यमंत्री धामी ने भीतराघात की बात उठाने वाले विधायकों को नसीहत दी है कि वे ऐसी बातें सार्वजनिक रूप से न कहकर पार्टी फोरम में रखें।

दरअसल संजय गुप्ता ने सबसे पहले लक्सर में भितराघात की बहात उठाई थी। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पर ही गद्दारी करने का आरोप लगाया था। इसके बाद काशीपुर विधायक हरभजन चीमा, चंपावत से कैलाश गहतोड़ी, यमुनोत्री से केदार सिंह रावत ने भी भितराघात के मुद्दे को हवा दे दी। अब कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल ने भी कहा है कि राज्य की कई विधानसभा सीटों पर पार्टी को कड़ा मुकाबला मिल सकता है और जिन सीटों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और संगठन के अधिकारियों ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, उन लोगों पर आलाकमान को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। चुफाल ने कहा कि उनकी सीट डीडीहाट में भी भितरघात हुआ है, लेकिन इससे उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं होगा। चुफाल का कहना है कि चुनावों में कुछ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने पार्टी के खिलाफ काम किया और हाईकमान को चाहिए कि ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीतरघात पर आवाज उठा रहे विधायकों को नसीहत दी है। कहा कि प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा पुनः सरकार बनाने जा रही है। पार्टी के भीतर किसी भी तरह की नाराजगी नहीं है। विधायक भीतरघात की बात सार्वजनिक न कहकर पार्टी स्तर पर रखें।