ऋषिकेशः वेंटिलेटर के अभाव में नवजात का निकला दम, परिजनों का हंगामा

राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश पर नगरक्षेत्र के अलावा अन्य जनपद जैसे टिहरी, पौड़ी के दुर्गम क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवा का भी बोझ है। ऐसे में इस अस्पताल को स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित सरकार ने हर मानकों में संतुलित करना चाहिए। मगर, समीपवर्ती एम्स होने के चलते इस अस्पताल की स्थिति बिगड़ती चली गई।

ताजा वाकया आज ही का है, जब एक दुर्गम क्षेत्र दोगी पट्टी का परिवार महिला की डिलीवरी के लिए राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश आता है। यहां महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। सभी के चेहरे पर मुस्कान आती है, मगर एकाएक बच्चा मृत हो जाता है। पलभर के लिए आई खुशी गम में बदल जाती है। ऐसे में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा दिए।

नवजात के पिता अनिल सिंह ने बताया कि बच्चे के जन्म के बाद चिकित्सकों ने कहा कि बच्चे को लेकर हायर सेंटर जाइए। क्यों कि हमारे यहां पेट्रियोटिक वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस वेंटिलेटर के अभाव में उनके बच्चे की जान चली गई। नवजात के पिता का आरोप है कि जब बच्चे का वजन ज्यादा था, उसका सिर भी बड़ा चिकित्सकों द्वारा बताया गया, तो फिर यह डिलीवरी केस लिया ही क्यों गया? उनका यह भी कहना है कि जब यहां बच्चे से संबंधित वेंटिलेटर ही नहीं है तो उन्हें पहले ही क्यों न बताया गया?

बता दें कि पीड़ित के एक बेटे का करीब 10 वर्ष पूर्व निधन हो गया था। उधर, सीएमएस रमेश सिंह राणा ने इस मामले में जांच की बात कही है।