पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना के कार्यों की समीक्षा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में पूंजी निवेश हेतु राज्यों को विशेष सहायता योजना 2023-24 के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कार्यों में तेज़ी लाने के लिए सचिव स्तर पर सप्ताह में 2 बार बैठक कर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रस्तावों के अनुमोदन के लिये डेडिकेटेड टीम लगाई जाए ताकि फ़ाइलों के पारगमन में अत्यधिक समय न लगे।
मुख्य सचिव ने प्रदेश में पुस्तकालयों के निर्माण पर अधिकारियों को शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के पुस्तकालयों को मजबूत किया जाए। साथ ही जहां उपलब्ध नहीं हैं वहां नए तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकालयों का लाभ स्थानीय लोग भी उठा सकें इसके लिए पुस्तकालय की एंट्री विद्यालय के बाहर से दी जाए।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी भूमि के उपयोग के लिये अगले 30 से 50 वर्षों का मास्टर प्लान बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभाग अगले 50 सालों की आवश्यकताओं के हिसाब से मास्टर प्लान बना लेंगे तो भूमि का उचित रूप से उपयोग हो सकेगा। इससे विभागों की भविष्य की आवश्यकताओं को सही तरीके से पूरा किया जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की उपयोगिता प्रमाणपत्र भी समय से उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिये। कहा कि जिन विभागों का बजट अभी तक रिलीज़ नहीं हुआ है, विभाग तेज़ी से कार्यों को पूरा कर उपयोगिता प्रमाणपत्र उपलब्ध कराएँ।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव दिलीप जावलकर, रवीनाथ रमन, एच.सी. सेमवाल, विजय कुमार यादव, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, नितिन भदौरिया एवं अमनदीप कौर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।