चैकिंग के दौरान पुलिस को नहीं दिखाने होंगे कागजात, मोबाइल से ही बन जायेगी बात

अब सड़क पर यात्रा के दौरान हमेशा ड्राइविंग लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट रखना जरूरी नहीं होगा। इसके लिये केंद्र की मोदी सरकार कागज की जगह सिर्फ अपने मोबाइल से ही दिखा पाने जैसे तकनीक लाने जा रही है। इसके लिए आपको केंद्र सरकार की ओर से शुरू किए गए डिजिलॉकर या फिर परिवहन मंत्रालय के एमपरिवहन प्लेटफॉर्म पर अपनी डिटेल्स डालनी होंगी।

राज्य सरकारों को केंद्र ने दिये निर्देश

ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण सर्टिफिकेट को भौतिक रूप से साथ रखने की अनिवार्यता को खत्म करते हुए सरकार ने गुरुवार को राज्यों को सलाह जारी की है कि वे इस प्रकार के सभी दस्तावेजों को डिजिलॉकर या एमपरिवहन प्लेटफार्म के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक फार्म में प्रस्तुत किए जाने पर स्वीकार करें।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों को कहा कि आधिकारिक प्लेटफार्मों के माध्यम से प्रस्तुत इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज ड्राइविंग परिवहन प्राधिकरणों द्वारा जारी प्रमाणपत्रों के बराबर माना जाएगा।

सलाह में स्पष्ट किया गया है कि दोनों प्लेटफार्म में नागरिकों को दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने की सुविधा है। इसमें कहा गया कि नए वाहनों के बीमा और पुराने वाहनों के बीमा रिन्युबल की जानकारी भी बीमा सूचना बोर्ड द्वारा दैनिक आधार पर अपलोड की जा रही है और यह मंत्रालय के एमपरिवहन और ई-चालान एप में भी दिखता है।

बयान में कहा गया, एमपरिवहन या ई-चालान एप पर वाहन के पंजीकरण विवरण के साथ अगर बीमा का विवरण भी उपलब्ध मिलता है तो बीमा सटिर्फिकेट के भौतिक प्रति की आवश्यकता नहीं है।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि किसी अपराध के मामले में ऐसे दस्तावेजों को भौतिक रूप से जब्त करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि कानून प्रवर्तन एजेंसियां ई-चालान प्रणाली के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से जब्त कर सकते हैं, जो कि इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस में दिखेगा।

बयान में कहा गया, सर्टिफिकेट्स के आई-टी आधारित ऑनलाइन वेरिफिकेशन से कानून प्रवर्तन प्राधिकरण को विवरणों की सत्यता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, जिससे बेहतर अनुपालन और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित होगी।