पार्क क्षेत्रों से जल्द हटेंगे वन गुर्जर, हाईकोर्ट ने सरकार को दिया ये निर्देश

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पार्क क्षेत्र से वन गुर्जरों को हटाने के लिये जल्द कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये है। कोर्ट ने नेशनल पार्कों से प्राइवेट वाहनों के प्रवेश पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए है। कॉर्बेट व राजाजी पार्क में डीएफओ और आरटीओ की अनुमति लेकर हर दिन सिर्फ सौ वाहनों को ही प्रवेश दिया जाए। कोर्ट ने कॉर्बेट पार्क के आसपास हाथी पाल रहे रिजॉर्ट संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश देेते हुए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को इन रिजॉर्ट से 12 घंटे में हाथियों को मुक्त कर राजाजी नेशनल पार्क में भेजने व उनके रहन सहन का उचित प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन हाथियों का 12 घंटे में उपचार कराने को कहा है, जिनको होटल संचालकों द्वारा नुकसान पहुंचाया है। उनकी आंख तक फोड़ी हैं।

वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ में हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता का कहना था कि कॉर्बेट पार्क क्षेत्र में हजारों पर्यटक आते हैं और प्रेशर हॉर्न बजाकर जंगली जानवरों को परेशान करते हैं। खंडपीठ ने मुख्य सचिव को सोमवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।

कोर्ट ने वनों में शिकार करने वाले गोपी, गामा, बावरिया समेत अन्य गिरोहों के लोगों पर दायर मुकदमों पर जल्द सुनवाई करने के निर्देश निचली अदालत को दिए हैं। सुनवाई के दौरान सांसद अनिल बलूनी के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि बाघों का अधिकतर शिकार वन गूर्जरों द्वारा किया जा रहा है। एक बाघ की खाल की कीमत बाजार में दो लाख और एक किलो हड्डी की कीमत 15 हजार रुपये होती है। एक बाघ लगभग 50 किलो का होता है, जिसकी कीमत नौ से दस लाख तक होती है। कोर्ट ने सीतावनी, ढैला, बिजरानी रेंज में प्राइवेट वाहनों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी है। साथ ही कहा है कि इन रेंज में केवल परमिट वाले वाहन तथा दक्ष ड्राइवर वाले ही जा सकेंगे।