बढ़ते अपराध रोकने को विभिन्न राज्यों की पुलिस में समन्वय जरूरी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में अपराध बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। सूचना तकनीक के विकास से विश्व में हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। बढ़ते अपराधों की रोकथाम के लिये विभिन्न राज्यों की पुलिस में आपसी समन्वय और तालमेल की जरूरत बढ़ती जा रही है। यह बात सीएम ने पुलिस विभाग द्वारा अयोजित चतुर्थ उत्तर क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कही।

मुख्यमंत्री ने बैठक का शुभारंभ कर कहा कि समन्वय समिति की बैठक में जिन आठ राज्यों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। उनमें से पांच राज्यों की सीमायें अन्तराष्ट्रीय सीमाओं से लगी हैं। यह बैठक हमारे लिए महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सम्मेलन के जरिये अलग-अलग राज्यों से आये पुलिस एवं सतर्कता एवं अभिसूचना विभाग के अधिकारी अपने-अपने अनुभवों को आपस में साझा करेंगे।

उन्होंने कहा कि पुलिस को विभिन्न समस्याओं का समाधान कुशलतापूर्वक करना होगा। समाजिक विविधता के दृष्टिगत पुलिस को व्यवस्थाओं और मर्यादाओं को कायम रखते हुए कार्य करना होगा। अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं पर भारत सरकार से सामंजस्य एवं अनुमति की जरूरत होती है। इसके लिए हमें समन्वय, बेहतर संवाद एवं सामंजस्य स्थापित करने पर भी ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि सतर्कता एवं अभिसूचना तंत्र को तकनीकि एवं प्रशिक्षण की दृष्टि से सशक्त होना जरूरी है।

प्रमुख सचिव गृह आनन्द वर्द्धन ने कहा कि उत्तर क्षेत्रीय समन्वय समिति के इस सम्मेलन में पुलिस एवं सुरक्षा से संबधित उच्च अधिकारियों को अपने विचारों और अनुभवों को आदान-प्रदान करने का मौका मिलेगा। वर्तमान परिस्थितियों में विभिन्न मुद्दों और उनके समाधान पर चर्चा होगी और आपसी सामंजस्य भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इंटरनेट, कम्यूनिकेशन एवं सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभावों से साइबर क्राइम बढ़ा है। इन अपराधों को किस तरह नियंत्रित किया जा सकता है, इन विषयों पर अधिकारी अपने अनुभवों को साझा करेंगे।

पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि वैश्वीकरण एवं संचार क्रांति के वर्तमान दौर में राज्यों को अनैक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें अन्तर्राज्यीय, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रकार की बाहरी एवं आन्तरिक सुरक्षा की समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की चुनौतियों के मुकाबले के लिए राज्यों के संसाधन सीमित हैं। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्यों की पुलिस व्यवस्था को उसी के अनुकूल सक्षम बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए दिन-प्रतिदिन की सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा अपराध की चुनौतियों का सामना करने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत एवं अभिसूचना तंत्र की मजबूती पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अर्न्तराज्यीय सम्मेलन से समस्याओं के समाधान तथा सुधार की दिशा में दूरगामी परिणाम प्राप्त होते हैं।