Monthly Archives: August 2020

नही रहे भारत रत्न प्रणव दा, राजनीति के एक ओर अध्याय का अंत

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे। आज उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की जानकारी बेटे अभिजीत ने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट किया, “भारी मन के साथ आपको सूचित करना है कि मेरे पिता जी प्रणब मुखर्जी का अभी हाल ही में आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से प्रार्थना, दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद निधन हो गया है! मैं आप सभी को धन्यवाद देता हूं।”
पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व कांग्रेस चीफ राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं और अन्य हस्तियों ने दुख प्रकट किया और आत्मा की शांति की कामना की। दरअसल, मुखर्जी की तबीयत सोमवार को और खराब हो गया थी। उन्हें फेफड़े में संक्रमण की वजह से सेप्टिक शॉक लगा था। यह शॉक एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्तचाप काम करना बंद कर देता है और शरीर के अंग पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने में विफल हो जाते हैं। सेना के अनुसंधान एवं रेफरल अस्पताल ने बताया था कि मुखर्जी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि वह गहरे कोमा में हैं और वेंटिलेटर पर हैं। इलाज विशेषज्ञों की एक टीम कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनकी मस्तिष्क की सर्जरी की गई थी। बाद में उनके फेफड़ों में भी संक्रमण हो गया था।
2012 से 2017 तक देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी को राजनीतिक गलियारों में ‘प्रणब दा’ या ‘दादा’ के नाम से भी पुकारा जाता रहा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब दा नेहरू-गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में रहे थे। हालांकि, 1990 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रणब दा को प्रधानमंत्री बनने से रोक दिया था। यह दावा कांग्रेस के दिवंगत नेता और गांधी परिवार के नजदीकी नेताओं में शामिल रहे एम एल फोतेदार ने अपनी किताब ‘द चिनार लीव्ज’ में किया है।
किताब में लिखा गया है कि 1990 में वी. पी. सिंह की सरकार गिरने के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण चाहते थे कि सरकार कांग्रेस की बने और उसका नेतृत्व प्रणब मुखर्जी करें लेकिन राजीव गाँधी राष्ट्रपति की इस राय के पूरी तरह से खिलाफ थे। किताब में एम एल फोतेदार ने लिखा है कि वी पी सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक रायशुमारी के लिए उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमण से मुलाकात की थी।मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि अगली सरकार के लिए राजीव गांधी को प्रणब मुखर्जी का समर्थन करना चाहिए।
फोतेदार लिखते हैं, “मैंने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह अगली सरकार के गठन के लिए राजीव गांधी को आमंत्रित करें क्योंकि कांग्रेस लोकसभा का अकेला सबसे बड़ा दल है।” इस पर राष्ट्रपति ने यह कहा कि मुझे (फोतेदार) राजीव गाँधी को बताना चाहिए कि अगर वह प्रधानमंत्री पद के लिए प्रणब मुखर्जी का समर्थन करते हैं तो वह उसी शाम को उन्हें शपथ दिला देंगे।
फोतेदार ने किताब में आगे लिखा है, “मैंने जब राष्ट्रपति वेंकटरमण की कही गई सारी बातें राजीव जी को बताई तो वे काफी आश्चर्यचकित हुए। चूँकि कांग्रेस पार्टी के पास ज्यादा विकल्प नहीं थे, इसलिए राजीव गांधी ने चंद्रशेखर को बाहर से समर्थन देने वाला विवादित फैसला लिया।” इस तरह प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए

पुरानी पेंशन बहाली की केन्द्र सरकार को चिट्ठी

राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की सिफारिश की है। राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है। … अधिक पढ़े …

ओएमआर सीट के माध्यम से परीक्षा कराने का निर्णय

श्रीदेव सुमन विवि की परीक्षाओं को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। विवि ने स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर का परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। विवि की परीक्षाएं 14 सितंबर से 12 अक्टूबर तक संपन्न कराई जाएगी। कोरोना संकट … अधिक पढ़े …

विवेक अग्निहोत्री के ट्वीट से बॉलीवुड में हंगामा क्यों बरपा है

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच देश की तीन बड़ी एजेंसियां कर रही है। इस मामले में सभी जांच एजेंसी हर पहलू से छानबीन भी कर रही हैं। वहीं सुशांत सिंह राजपूत को लेकर हर दिन कई … अधिक पढ़े …

वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की कमी

कोरोना से निपटने के लिए लागू लॉकडाउन का जीडीपी ग्रोथ पर बेहद विपरीत असर देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। 1996 के बाद से यह … अधिक पढ़े …

प्रधानमंत्री ने आखिर यथा अन्नम तथा मन्न्म क्यों कहा

एक कहावत है-यथा अन्नम तथा मन्न्म यानी जैसा अन्न होता है, वैसा ही हमारा मानसिक और बौद्धिक विकास भी होता है। पीएम ने भी आज मन की बात कार्यक्रम में इस कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि नेशन और … अधिक पढ़े …

उत्तराखंड के निर्माण में महिलाओं की अग्रणी भूमिकाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड के विकास में महिला शक्ति की भूमिक विषय पर आयोजित वेबनार में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर राज्य के विकास में हमारी माताओं-बहनों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। … अधिक पढ़े …

रक्षा उपकरणों के क्षेत्र में उत्तराखंड को अग्रणी बनाने पर चर्चा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर सतीश रेड्डी ने मुलाकात की। इस दौरान उत्तराखंड में रक्षा क्षेत्र की संभावनाओं पर चर्चा हुई। हाल में भारत सरकार ने रक्षा क्षेत्र में 101 रक्षा उपकरणों के … अधिक पढ़े …

’’अविरल प्रोजेक्ट’’ से प्लास्टिक कूड़े के निस्तारण को मिलेगी मदद

धार्मिक और पर्यटन के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाले ऋषिकेश को एक बड़ी कामयाबी मिली है। नगर निगम क्षेत्र के अन्र्तगत निगम ने प्लास्टिक के कूड़े का निस्तारण करने की जो योजना बनाई है। अगर वह साकार होती … अधिक पढ़े …

निर्धारित समय पर होगा कुंभ मेले का आयोजन, अखाड़ों के साथ सरकार ने लिया निर्णय

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कुम्भ मेला 2021 दिव्य एवं भव्य रूप से आयोजित किये जाने के लिये राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी अखाड़ों के सन्त महात्माओं के सहयोग एवं आशीर्वाद से … अधिक पढ़े …