हाईकोर्ट ने अस्थाई कर्मियों के नियमित होने पर लगाई रोक

हाईकोर्ट नैनीताल ने सरकार को निर्देश देते हुये कहा कि सरकारी विभागों में कार्यरत अस्थाई कर्मियों को नियमित नियुक्ति न दी जाये।

नैनीताल जिला मुख्यालय के समीपवर्ती सौड़ बगड़ गांव निवासी नरेंद्र सिंह बिष्टड्ढ व अन्य ने याचिका दायर कर कहा था कि वह इंजीनियरिंग से डिप्लोमा होल्डर हैं और सरकार के अधीन अवर अभियंता पद पर नियुक्ति पाने की पूर्ण अर्हता रखते हैं। याचिका में नरेंद्र ने 2013 की नियमितीकरण नियमावली को भी चुनौती दी है।

इसमें कहा गया है कि यह नियमावली सुप्रीम कोर्ट के उमा देवी व एमएल केसरी से संबंधित मामले में दिए गए निर्णय के विपरीत है। सरकार सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर विभाग, निगम, परिषदों समेत अन्य सरकारी उपक्रमों में अस्थायी कार्मिकों को बिना चयन प्रक्रिया के नियमित कर रही है, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता भगवत सिंह मेहरा ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में उद्यान विभाग ने चाय विकास बोर्ड के अस्थायी कर्मियों को इस नियमावली के तहत नियमितीकरण की कार्रवाई आरंभ की है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद नियमितीकरण नियमावली-2013 के क्रियान्वयन पर फिलहाल के लिए रोक लगा दी।