नए वर्ष में हम देश कोरोना मुक्त चाहते हैं, इसलिए मां शारदे के गीत बांचते है….

आवाज साहित्यिक संस्था ने तुलसी मानस मंदिर रामायण प्रचार समिति में किया काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन ऋषिकेश समाज के सार्वभौमिक कल्याण एवं देश को कोरोना मुक्त करने की भावना के साथ आवाज साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में तुलसी मानस मंदिर में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
कवि रामकृष्ण पोखरियाल ने कहा- नए वर्ष में हम देश को कोरोना मुक्त चाहते हैं,
इसीलिए मां शारदे के गीत
बाँचते हैं

अशोक क्रेजी ने –
सत्य पथ पर
चल सदा, मैं धर्म अनुरागी बनूँ
अखंड ज्योति बन
मैं अँधेरा हर सकूँ पंक्तियों के साथ जीवन में प्रकाश की कामना की है।

प्रबोध उनियाल ने-
आदमी के अंदर,आदमी रहने लगे हैं
पहचानो मेरे दोस्त!
बाजारों में चेहरे टंगे हैं , पंक्तियां पढ़कर बनावटी संबंधों को उजागर किया।

हेमवती नंदन भट्ट ने अपने उत्तराखंड के सौंदर्य का वर्णन कुछ इस तरह किया-
फूलों क बण में मेरु मुलुक खास
ऊंची-ऊंची डांड्यूं मा हिमालैक पास

आलम मुसाफिर ने कुछ यूं बयां किया-
कुछ यूं बख्शें हैं ,गमें हयात ने
आंखों को आंसू
गर तबीयत से निचोड़ दूं तो
दरिया बह निकले-

वैश्विक महामारी को पर कवि महेश चिटकारिया ने अपनी पंक्तियां कुछ यूं कहीं-
विकास की दौड़ में बनाए
ढेरों परमाणु
छोटे से कीटाणु ने
पल में बदल दी ये जिंदगी-

सत्येंद्र चैहान ने व्यंग में कहा कि-
गैरसैंण बीस वर्षों बाद भी
श्गैरसैणीश् जन रैमे
अपनी सैणी ट योंकि वक्त
देरादून मा ऐगे-

कवि जे पी उनियाल ने अटल बिहारी वाजपेई पर पंक्तियां प्रस्तुत की।

काव्य गोष्ठी के संयोजक पंडित रवि शास्त्री ने कहा कि कवि हमेशा समाज के उत्थान व मानवता के लिए कविताएं लिखते हैं जो प्रेरणा का काम करती हैं।

इस अवसर पर पंडित रवि शास्त्री ने आवाज साहित्यिक संस्था के सभी कवियों को मां भगवती की प्रतिमा एवं उत्तरी ओढ़ाकर सभी सम्मानित कवियों को ‌सम्मानित किया। कवि गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे हैं स्वामी अखंडानंद महाराज ने अपने उद्बोधन में सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयः की कामना की।

इस अवसर पर तुलसी मानस मंदिर के अध्यक्ष पंडित रवि शास्त्री आवाज साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष अशोक क्रेजी, प्रबोध उनियाल, महेश चिटकारिया, हेमवती नंदन भट्ट हेमू भाई, राम किशन पोखरियाल, सत्येंद्र चैहान आलम मुसाफिर अनिरुद्ध शर्मा स्वामी अखंडानंद सरस्वती महाराज आदि उपस्थित थे।