आंचलिक फिल्में संस्कृति को करती हैं जीवंतः जयेंद्र रमोला

आंचलिक फिल्मों के जरिए हमारी संस्कृति को पहचान मिलती है, इनसे हमारी संस्कृति को और करीब से जानने का अवसर मिलता है। यह बात एआईसीसी के सदस्य जयेंद्र रमेाला ने कही।

बता दें कि एक जुलाई से रामा पैलेस ऋषिकेश में प्रदर्शित होने वाली गढ़वाली फ़िल्म’ ’खैंरी का दिन’ के पहले शो शुभारम्भ कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला करेंगे।

कांग्रेस नेता जयेन्द्र रमोला ने बताया कि पूरे हिन्दुस्तान में हर प्रदेश में अपनी बोली व अपनी भाषा से पहचान है परन्तु उत्तराखण्ड में आज भी हमें अपनी बोली को भाषा का दर्जा दिलाने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है क्योंकि हम लोग स्वयं अपनी गढ़वाली बोली में बात करने में हिचक महसूस करते हैं परन्तु उत्तराखण्ड के स्थानीय कलाकार आज फ़िल्मों के माध्यम से अपनी भाषा व संस्कृति को बचाने का कार्य कर रहे हैं और हमें इनको प्रोत्साहित करना चाहिये।