उत्तराखंड की राजनीति में जल्द तीसरा मोर्चा भी आने वाला है। जो कि सत्ता पक्ष व विपक्ष को कड़ी टक्कर देने के इरादे से उतरेगा। तीर्थनगरी में राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों के बागी नेताओं की एक गोपनीय बैठक आयोजित हुयी। इस गोपनीय बैठक से मीडिया को दूर रखा गया। मगर, मीडिया से बात कहां छुपने वाली है। पढ़िये खास रिपोर्ट…..
ऋषिकेश में वीरभद्र मार्ग स्थित एक होटल में भाजपा व कांग्रेस की विचारधारा के असंतुष्ट नेता एक मंच पर नजर आए। इनमें ज्यादातर भाजपा के टिकट पर पूर्व में विधायक रह चुके और भाजपा से बगावत कर पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ चुके नेता शामिल थे। बैठक में कुछ अन्य पूर्व विधायकों के भी आने की सूचना थी। मगर, मार्ग खराब होने के चलते वह बैठक में नहीं शरीक हो सके।
खास बात यह रही कि इस बैठक को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया। और मीडिया को अदंर आने की इजाजत नहीं दी गयी। सूत्रों के मुताबिक पूर्व विधायक सुरेश चंद्र जैन की अध्यक्षता में चली बैठक में चर्चा के केंद्र में प्रदेश की राजनीति, आगामी निकाय चुनाव और नई राजनीतिक की उम्मीद रही। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों दलों के बागी नेताओं ने नया राजनीतिक दल बनाने पर भी चर्चा की। मगर, इस पर दोनों ओर से मिलीजुली प्रतिक्रिया ही रही।
फिलहाल यह बात सामने आयी कि एक मजबूत मंच का गठन कर प्रदेश की जनता की समस्याओं और उनके हक के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। जिसके लिए इस कुनबे को सामाजिक जन संघर्ष मंच के तौर पर प्रदेश भर में पहचान दी जाएगी। बैठक के दौरान सभी असंतुष्टों ने भाजपा व कांग्रेस पर प्रदेश की जनता के साथ वादाखिलाफी का आरोप लगाया। फिलहाल वरिष्ठ नेता सुरेश चंद्र जैन को ही इस मंच का अघोषित संरक्षक बनाया गया है।
महेंद्र सिंह नेगी के संचालन में चली बैठक में पूर्व विधायक व काबीना मंत्री दिनेश धनै, पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, भाजपा व कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ चुके पूर्व दायित्वधारी संदीप गुप्ता, सूरतराम नौटियाल, आरेंद्र शर्मा, प्रमोद नैनवाल, सुभाष चंचल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, ज्योति सजवाण सहित भाजपा, कांग्रेस व संघ पृष्ठभूमि के कई नेता उपस्थित रहे।