उत्तराखंड में रोजगार बहुत बड़ी समस्या है और यही कारण है कि पहाड़ी क्षेत्रों से युवा पलायन कर रहे है। यहां के युवा रोजगार की तलाश में पहाड़ी क्षेत्रों से निकलकर मैदानी इलाके का रूख कर रहे है। मंगलवार को एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं की नोकझोंक हो गयी। पुलिस ने कार्यकर्ताओं की भीड़ को काबू करने वाले वाटर कैनन का प्रयोग किया।
बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को लेकर एनएसयूआइ कार्यकर्ताओं ने दोपहर करीब डेढ़ बजे सीएम आवास कूच किया। हाथीबड़कला में पहले से ही भारी पुलिस बल तैनात कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी। जुलूस के पहुंचते ही पुलिस ने बल पूर्वक छात्रों को रोकने का प्रयास किया। इससे नाराज एनएसयूआइ और कांग्रेसी नेताओं ने जबरन बेरिकेडिंग फांदनी शुरू कर दी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया।
इस दौरान कुछ नेताओं की पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई। करीब दो दर्जन नेता बैरिकेडिंग फांदकर सीएम आवास की ओर घुसने लगे। जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। नेताओं एवं पुलिस के बीच करीब 20 मिनट तक धक्का-मुक्की हुई। नेताओं ने बैरिकेडिंग स्थल पर ही धरना शुरू कर दिया।
करीब एक घंटे बाद एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने सिटी मेजिस्ट्रेट मनुज गोयल के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन प्रेषित किया। पुलिस कार्रवाई का कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह एवं एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने कड़ा विरोध किया।
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संग्राम सिंह पुंडीर ने कहा कि पीएम ने युवाओं से वादा किया था कि प्रतिवर्ष दो करोड़ को रोजगार दिया जाएगा। लेकिन, चार साल पूरे होने के बाद देश में मात्र छह लाख युवाओं को रोजगार मिला।