वर्ष 2009 बैच की महिला दारोगा दीपारानी के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। महिला दारोगा पर ऋषिकेश स्थित मुनिकीरेती के एक आश्रम से पांच लाख रूपये वसूलने का आरोप लगा है। वर्तमान में महिला दारोगा खुफिया महकमे में तैनात है।
आरोप है कि महिला दारोगा ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर एक योग अकादमी के संचालक से पांच लाख रुपये की वसूली की। पीड़ित ने बताया कि दो युवक और एक युवती वहां पहुंचे और उन्हें ड्रग्स बेचने के मामले में फंसाने की बात कही। जिसके बाद एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। वहीं, प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हो गई। जिस पर डीआइजी गढ़वाल अजय रौतेला ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
मामला टिहरी गढ़वाल जिले के मुनिकीरेती थाना क्षेत्र का है। मुनिकीरेती में योग अकादमी का संचालन करने वाले एक डॉक्टर ने डीजीपी को शिकायत सौंपते हुए बताया कि उनकी अकादमी डब्ल्यूएचओ से मान्यता प्राप्त है। आरोप लगाया कि विगत 12 जुलाई को एक महिला और दो पुरुष उनके दफ्तर में आए।
महिला ने खुद को क्राइम ब्रांच की दारोगा और दो पुरुषों ने खुद को उनका अधीनस्थ बताया। इसके बाद वह उनके कार्यालय की जबरन तलाशी लेने लगे। डॉक्टर का आरोप है कि वह अपने साथ कुछ दवाएं और एक जहर की सीसी लाए थे, उसके साथ वह वीडियो बनाने लगे। इसके बाद वह उसे धमकाने लग गए और विदेशियों को नशा बेचने के आरोप में फंसाने की धमकी देने लगे।
डॉक्टर का ये भी आरोप है कि उन्होंने उससे पहले दस लाख रुपये मांगे। हालांकि बाद में पांच लाख रुपये न देने पर योग केंद्र सील करने की धमकी देकर चले गए। डॉक्टर के मुताबिक, उन्होंने किसी तरह से पांच लाख रुपये एकत्रित कर उन्हें दिए। बताया कि 18 जुलाई को दोबारा महिला दारोगा उनके पास आई और किसी से इसकी शिकायत करने पर अंजाम भुगतने की धमकी देकर चली गई।
मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ने एडीजी को इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि मामला काफी गंभीर है। कोटद्वार के एएसपी हरीश वर्मा को इसकी जांच सौंपी गई।