रामनगर (रुड़की) की सोनम भटेजा ने कैंसर पीड़ितों के लिए अपने बाल कटवा डाले। यह वहीं बाल है जिनसे उन्हें बेपनां प्यार था। इतना ही नहीं बचपन से अभी तक कैंची तक चलने नहीं दी। अब उनके यह बाल कैंसर पीड़ितों की विग बनाने के काम आएंगे।
वैसे तो सोनम भटेजा गृहणी हैं, उन्होंने अंग्रेजी में एमए किया है। ऐसे बच्चें जो फीस देने में अक्षम है, वह उन्हें निशुल्क ट्यूशन पढ़ाती हैं, उनके पति कारोबारी हैं। सोनम के अनुसार उन्हें अपने बालों से बेहद प्यार है और लंबे रखने का शौक भी। इसलिए उन्होंने बचपन में कभी बालों पर कैंची नहीं लगने दी। उनके बाल कमर से भी नीचे थे। लेकिन, एक दिन तब उनकी धारणा बदल गई, जब उन्होंने इंटरनेट पर कैंसर पीड़ितों के बारे में पढ़ा। उसमें मुंबई के मदद ट्रस्ट का भी उल्लेख था। साइड में बताया गया था कि कैंसर पीड़ितों का उपचार शुरू होने पर उनके बाल झड़ जाते हैं। यह कीमोथेरेपी का साइड इफेक्ट है। कैंसर पीड़ित महिलाएं बाल झड़ जाने से बेहद कुंठित महसूस करती हैं। क्योंकि उनका सिर पूरी तरह गंजा हो जाता है।
साइट पर यह भी बताया गया था कि इन कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए मदद ट्रस्ट विग तैयार करता है। जो कि केवल असली बालों से ही बनता है। इसके लिए 12-13 इंच लंबे बाल होना जरूरी है। एक विग बनाने में तीन से चार महिलाओं के बालों की जरूरत होती है। सोनम बताती हैं कि इसे पढ़कर उन्होंने फैसला किया कि वह अपने बाल दान करेंगी। इसके बाद उन्होंने उन्होंने ट्रस्ट के बारे में जानकारी जुटाई। पता चला कि ट्रस्ट वास्तव में कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए निशुल्क विग तैयार करता है। जब उन्हें भरोसा हो गया तो उन्होंने ट्रस्ट से संपर्क साधा। ट्रस्ट ने बाल कैसे कटवाने है, इसके बारे में जानकारी दी।
ट्रस्ट के निर्देशों के अनुसार उन्होंने पहले बालों को धोया और जब वह सूख गए तो ब्यूटी पार्लर जाकर उन्हें 13 इंच मेजर करवाया। इसके बाद दोनों ओर से रबड़ लगवाकर उन्हें कटवा दिया। फिर बालों को उनके एक परिचित मुंबई जाकर ट्रस्ट को दे आए। यह इसी साल जनवरी की बात है। सोनम के अनुसार, वह बेहद खुश हैं कि उन्होंने अपने प्यारे बाल उन लोगों के लिए दान किए हैं, जिन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है। बाल बढ़ जाने पर वह दोबारा उन्हें दान करेंगी। उन्होंने बताया कि संबंधित ट्रस्ट की ओर से एक प्रमाण-पत्र उन्हें भेजा गया है।