समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा हैं कि वह राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू यादव द्वारा पटना में 27 अगस्त को आयोजित रैली में शामिल होंगे। यह तो सामान्य बयान था लेकिन इसके बाद अखिलेश यादव ने जो कहा उससे राजनीतिक हल्कों में हलचल पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती भी रैली में शामिल होंगी। अखिलेश से जब पूछा गया समाजवादी पार्टी और बसपा के साथ आने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि मैं 27 अगस्त को लालू प्रसाद की बिहार में आयोजित रैली में शामिल होऊंगा। तभी कोई घोषणा होगी, हालांकि बसपा या मायावती की तरफ से ऐसी कोई खबर नहीं है कि वह रैली में शामिल होंगी या नहीं। वैसे राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू ने विरोधी पार्टियों के प्रमुख नेताओं को इस रैली में आमंत्रित किया है।
अखिलेश नहीं छोड़ेंगे कांग्रेस का साथ
एक सवाल के जवाब में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस और राहुल गांधी का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। यह हमेशा बना रहेगा। भाजपा के खिलाफ एकजुटता के सवाल पर कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस और अन्य दलों की 27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद के नेतृत्व में रैली होगी। इसमें 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार होगी। राष्ट्रपति चुनाव के सवाल पर कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं की बैठक हो चुकी है। विपक्ष भाजपा के खिलाफ एकजुट होने जा रहा है।
तो यूपी में बीजेपी बनाम सपा-बसपा और कांग्रेस
हालांकि बसपा की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया तो नहीं आई है लेकिन हाल के बसपा सुप्रीमो के बयानों पर गौर किया जाए तो उन्होंने यही संकेत दिया है कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए वह सपा और कांगेस से गठबंधन कर सकती हैं। अखिलेश से पूछा गया कि समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में बने एक्सप्रेस वे और रिवर फ्रंट परियोजनाओं की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जांच का फैसला किया है इस पर उन्होंने कहा यह सरकार क्या जांच ही करती रहेंगी कि कोई काम भी करके दिखाएगी। सरकार काम भी करके दिखाये।