भारत और नेपाल एक दूसरे के नागरिकों की खुशहाली और गरीबी दूर करने के लिये एकजुट होकर कार्य करेंगे। कृषि क्षेत्र में यह कार्य सार्थक सिद्ध होगा। यह बात नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पंतनगर विवि में कार्यक्रम के दौरान कही।
पंतनगर एयरपोट पर पहुंचने पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का राज्यपाल केके पॉल व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुके देकर स्वागत किया। परंपरागत कुमाऊं के रीति रिवाज के तहत प्रधानमंत्री केपीएस ओली का स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री के सम्मान में कलाकारों ने छोलिया नृत्य एयरपोर्ट पर प्रस्तुत किया। इसके उनका काफिला पंतनगर विवि के लिए रवाना हो गया।
ओली अपनी धर्मपत्नी राधिका शाक्य और नेपाल के 33 सदस्यीय दल के साथ उत्तराखंड दौरे पर आए हुए हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच कृषि तकनीक के आदान-प्रदान को बढ़ाना है। रविवार को गोविंद बल्लभ पंत कृषि विवि, पंतनगर के गांधी हॉल में राज्यपाल केके पाल ने उन्हें विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि से सम्मानित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि हमारी धार्मिक आस्थाएं एक-दूसरे के साथ हैं। नेपाल की जनता भी भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहती है। पीएम ओली ने कहा कि नेपाल की दो तिहाई जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, लेकिन आधुनिकीकरण एवं यांत्रिकीकरण में काफी पीछे हैं। हमारे दो कृषि विवि हैं, लेकिन वे अभी प्रारंभिक अवस्था में हैं। उन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए पंतनगर विवि का सहयोग लिया जाएगा।
जीबी पंत कृषि विवि के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यहां बहुत कुछ सीखने को है। बोले, विवि ने जो सम्मान उनको दिया, वह उनके लिए नई प्रेरणा का काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारत ने जो पहल की है, नेपाल उसमें अपना पूरा योगदान देगा। इससे पहले ओली ने विवि के ब्रीडर सीड्स प्रोसेसिंग यूनिट और बीज अनुसंधान केंद्र का निरीक्षण किया।
राज्यपाल डॉ. केके पॉल ने कहा कि नेपाल एवं उत्तराखंड इतिहास, संस्कृति, व्यापार के साथ-साथ अन्य बहुत सी समानताएं रखते हैं। चुनौतियां भी एक जैसी हैं तथा दोनों मिलकर अपने लोगों की बेहतरी, वातावरण सुरक्षा एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने नेपाल एवं उत्तराखंड की समान परिस्थितियों को देखते आपसी सहयोग के पांच बिंदुओं का उल्लेख किया।