मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय, डांडा लखौंड, देहरादून में राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला एवं राज्य औषधि नियंत्रक भवन कार्यालय का शिलान्यास, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उत्तराखण्ड के नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण, चिकित्सा अधिकारियों के लिए 17 ट्रांजिट हाँस्टल का शिलान्यास व राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का राज्य स्तरीय शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक व्यापक एवं सुविधाजनक बनाने के लिए संगठित एवं समन्वित प्रयासों की जरूरत है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है जहां एन.एच.एम का अपना कार्यालय स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि मेरा सामाजिक दायित्व के तहत विशेषज्ञ डाॅक्टर महिने में 2-3 दिन दुर्गम क्षेत्रों में जाकर अपने सेवाएं दें, तो बड़े अस्पतालों के वर्क लोड में भी कमी आयेगी व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आयेगा। उन्होंने कहा कि चमोली के पीपलकोटी व रूद्रप्रयाग के गुप्तकाशी में विशेषज्ञ डाॅक्टरों द्वारा इस तरह की सेवाएं दी जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐलोपैथिक व आयुर्वेदिक दवाओं के लिए लाइसेंस के लिए सिंगल विंडों सिस्टम बनाने का प्रयास किया जायेगा। देश के 20 प्रतिशत आयुर्वेदिक दवाओं का निर्यात उत्तराखण्ड करता है। उन्होंने कहा कि फार्मा इंडस्ट्रियों के प्रतिनिधियों से पिछले साल मसूरी में बैठक के बाद उनकी अनेक समस्याओं का समाधान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य गठन के बाद राज्य में तेजी से औद्योगीकरण हुआ। वर्तमान में प्रदेश में 300 औषधि निर्माता फर्म व 150 काॅस्मेटिक आईटम निर्माता फर्म हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिले हैं। आम जन के स्वास्थ्य के हित में औषधियों का परीक्षण किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राज्य औषधि संगठन हेतु कार्यालय भवन एवं राज्य औषधि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित किये जाने के लिए 14 करोड़ रूपये की स्वीकृति केन्द्र सरकार से प्राप्त की गई है जिसमें से 5 करोड़ रूपये की पहली किश्त प्राप्त हो चुकी है।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशालय, उत्तराखण्ड के भवन के तृतीय तल पर 644.33 लाख रूपये की लागत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय का निर्माण किया गया है। एन.एच.एम के अन्तर्गत हर चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारियों हेतु चिकित्सालयों में ट्रांजिट हाॅस्टल का निर्माण किया जा रहा है। बागेश्वर, चम्पावत, चमोली व उप चिकित्सालय में एक-एक एवं 13 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ट्रांजिट हाॅस्टल का निर्माण 4538 लाख रूपये की लागत से पेयजल निगम द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने 15 बच्चों को एलबेंडाजोल की गोलिया खिलाकर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का राज्य स्तरीय शुभारम्भ किया। 8 फरवरी 2019 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति के छठें चरण में प्रदेश के सभी जनपदों में 1 से 19 वर्ष के 42 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाई जायेगी।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, उपाध्यक्ष, ग्रामीण स्वास्थ्य सलाहकार परिषद् ज्ञान सिंह नेगी, सचिव स्वास्थ्य नितेश कुमार झा, मिशन निदेशक एनएचएम युगल किशोर पंत, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ. टी.सी.पंत, चेयरमैन औषधि नियंत्रण निर्माण इकाई संदीप जैन आदि उपस्थित थे।