प्रसिद्ध फिल्म निर्माता व निर्देशक मधुर भंडारकर ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड में फिल्मों के विकास एवं फिल्मों के माध्यम से राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये कई सुझाव दिए। सीएम ने भी निर्माता व निर्देशक भंडारकर को बताया कि राज्य का वातावरण प्राकृतिक व भौगोलिक रूप से हमेशा के लिये अनुकूल है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखण्ड में फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए फिल्मों की शूटिंग के लिये अब शुल्क नहीं लिया जा रहा है। फिल्मों की शूटिंग सम्बन्धित सभी प्रक्रियाओं हेतु सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है। इससे आकर्षित होकर कई बड़े बैनर के फिल्मकार राज्य में फिल्मों की शूटिंग हेतु आ रहे है। उन्होंने कहा कि एफटीआईआई से उत्तराखण्ड में फिल्म इंस्टीट्यूट के लिए परमिषन ली जायेगी। इसके लिए उन्होंने सचिव/महानिदेषक सूचना एवं उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को आवष्यक कार्यवाही करने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसगिृक सौन्दर्य देखकर देष के अधिक से अधिक फिल्म निर्माता उत्तराखण्ड में फिल्मों का निर्माण कर रहे है। इससे उत्तराखण्ड की पहचान देष-विदेष में हो रही है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों के निर्माण व फिल्मांकन हेतु व्यापक सम्भावनायें है। आवष्यकता है उसको गहराई में देखने की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। यहॉ तीर्थ स्थलों के साथ ही साधकों की तपोस्थली भी है। जिसके बारे में इस क्षेत्र के सूदूर अॅचलों में जाने से जानकारी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में फिल्म निर्माण से यहॉं के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिलेगा। जिससे उनकी आर्थिकी में सुधार होगा।