आवाज साहित्यिक संस्था मुनिकीरेती द्वारा राजभाषा हिंदी दिवस के उपलक्ष में रविवार 12 सितंबर 2021 को राजभाषा समारोह मनाने का निर्णय लिया गया है जिसमें इस वर्ष का आवाज का सर्वाेच्च सम्मान आवाज रत्न गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी को उनके द्वारा की गई लोक भाषा लोक साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए संस्था के अध्यक्ष अशोक शर्मा क्रेजी ने कहा कि आवाज साहित्यिक संस्था 2001 में स्थापित की गई थी जिसका मुख्य उद्देश्य नए रचनाकारों को मंच देना तथा उन्हें साहित्य के नए नए अनुभवों से अवगत कराना था उन्होंने कहा कि आवाज में इन 20 वर्षों में बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जहां अनेक राष्ट्रीय कवि एवं साहित्यकारों का पावन सानिध्य प्राप्त किया वहीं आवाज ने अपने संस्था के माध्यम से सामूहिक संकलन ओं के द्वारा भी साहित्य के क्षेत्र में काफी उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रमुख साहित्यकारों में पार्थ सारथी डबराल, चारु चंद्र चंदोला, डॉक्टर लीलाधर जगूड़ी, राजेंद्र धस्माना, डॉक्टर गोविंद बिष्ट, विद्यासागर नौटियाल, डॉक्टर अतुल शर्मा, मोहनलाल बबूलकर, बुद्धि बलभ थपलियाल, आलोक प्रभाकर, द्वारिका प्रसाद मलासी, प्रमुख चित्रकार बी मोहन नेगी ने संस्था के लिए एक प्रेरक के रूप में कार्य किया है तथा संस्था में नये साहित्यकारों के लिए प्रमुख अन्वेषण शाला के रूप में आशीर्वाद दिया है।
संस्था के उपाध्यक्ष आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल ने आवाज साहित्यिक संस्था की उपलब्धियों को अवगत कराते हुए कहा कि जहां नए साहित्यकारों को मंच प्रदान हुआ है वहीं विभिन्न सामाजिक शैक्षणिक संस्थाओं के अंदर आवाज साहित्यिक संस्था ने अनेक कार्यशाला आयोजित किए हैं तथा बाल साहित्यकारों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
सस्ता के कनिष्ठ उपाध्यक्ष प्रमोद उनियाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि आवाज साहित्यिक संस्था ने वर्तमान समय तक अनेक जन उपयोगी संकलन तैयार किए हैं जो सामूहिक रूप से कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से तैयार किए हैं जिसमें मुख्य रुप से आवाज पहाड़ बदल रहा अस्तित्व दो कदम ची ची गाती चिड़िया अन उत्तरीय प्रश्न दृष्टिकोण के साथ-साथ समय-समय पर अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अपने रचनाओं के माध्यम से शिखर को छूने का कार्य क्या है।
समिति के सचिव महेश शिकारिया ने कहा कि आवाज आने वाले समय में ऋषिकेश नगरी नहीं अभी तो संपूर्ण राज्य के साथ-साथ भारतवर्ष के राज्यों में भी अपना बेहतरीन स्थान बनाने के लिए प्रयास करेगी
समिति के सह सचिव डॉ सुनील थपलियाल ने कहा की आवाज साहित्यिक संस्था ने लॉकडाउन में साहित्य संस्कृति संवाद की त्रिवेणी के माध्यम से संपूर्ण भारतवर्ष के साहित्यकारों को संस्कृति प्रेमियों को स्थानीय कलाकारों गीतकार के साथ कलाकारों को जोड़ने का कार्य किया सात समंदर पार भी जहां उत्तराखंडी प्रवासी सेवाएं दे रहे हैं वहां तक आवाज अपने लाइव प्रसारण के माध्यम से अग्रसारित हुई है यह सबसे बड़ी उपलब्धि है कि वर्तमान समय में डेढ़ लाख से ऊपर दर्शक आवाज़ साहित्यिक संस्था के पास है जो समय समय पर आवाज को प्रोत्साहित करते रहते हैं।
समिति के पूर्व सचिव धनेश कोठारी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हर वर्ष संस्था के द्वारा स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद मालासी आवाज रत्न सम्मान दिया जाता है जो उत्तराखंड प्रदेश के कई महान विभूतियों को आजतक दिया गया है जिसमें डॉक्टर जग्गू नौटियाल ,आलोक प्रभाकर, सत्यानंद बडोनी, डॉक्टर सविता मोहन, डॉआशा जुगलान, बंशीधर पोखरियाल, आरपी डंगवाल, देवेंद्र दत्त सकलानी, डॉक्टर अतुल शर्मा, डॉ विद्या अलंकार, डॉक्टर श्वेता खन्ना, डॉ कविता भट्ट शैलपुत्री आदि को दिया गया है और वर्तमान समय में यह पुरस्कार गढ़ रत्न लोक भाषा, लोक साहित्य के प्रमुख भगीरथ नरेंद्र सिंह नेगी जी को दिए जाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर समिति के कोषाध्यक्ष सत्येंद्र चौहान नरेंद्र दयाल, शिवप्रसाद बहुगुणा, धनीराम बिंजोला, मनोज मालासी, रविशास्त्री, सुरेंद्र भंडारी, कमलेश रावत आदि उपस्थित थे ।
Sep102021