मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को गेल इंडिया लिमिटेड के अधिकारियों के साथ नेचुरल गैस पाइप लाईन व सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन प्रोजक्ट की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नेचुरल गैस पाइप लाईन के विस्तार में यह ध्यान रखा जाए कि इससे देहरादून, हरिद्वार व ऋषिकेश के शहर व उसके आस पास के गांव भी पूर्ण रूप से कवर हो जाए। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को रोजगार सृजन हो सकता इसका भी पूरा आकलन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की प्रत्येक तीन माह में समीक्षा की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गैस पाइप लाईन से लोगों को काफी सुविधा होगी जबकि सीएनजी स्टेशनों की स्थापना से सीएनजी वाहनों की संख्या भी बढ़ेगी तथा इससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण से भी दूनवासियों का छुटकारा मिल सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में आबादी का दबाव निरन्तर बढ़ रहा है। उसी क्रम में आगे भी वाहनों एवं आबादी का दबाव बना रहेगा, इसका बेहतर रास्ता सीएनजी ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर तथा देहरादून के बाद नैनीताल के साथ ही अन्य स्थानों में भी गैस पाइप लाइन का कार्य आरम्भ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को गैस ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि गैस ईंधन कम खर्चीला तथा इको फ्रेन्डली है।
बैठक में अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि हरिद्वार-ऋषिकेश-देहरादून पाइपलाईन प्रोजेक्ट (एचआरडीपीएल) के तहत 1500 करोड़ रूपये की लागत से 3 लाख पीएनजी कनेकक्शन दिये जायेंगे व 50 सीएनजी स्टेशन बनाये जायेंगे। इससे मुख्यतः ऋषिकेश, डोईवाला, विकासनगर, देहरादून, चकराता कालसी व त्यूनी क्षेत्र लाभान्वित होंगे। एचआरडीपीएल प्रोजेक्ट के तहत टेंडर व जियोटेक्निकल, टोपोग्राफिकल एवं हाइड्रोलॉजिकल का कार्य गतिमान है।
देहरादून सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन गैस प्रोजक्ट के तहत चकराता, देहरादून, डोईवाला, कालसी, ऋषिकेश, त्यूनी व विकासनगर का लगभग 3088 वर्ग किमी क्षेत्र आच्छादित किया जायेगा, जिसकी लागत 1696 करोड़ रूपये है। इसकी डीपीआर स्वीकृत की जा चुकी है। इसके लिये अधिकारियों की नियुक्ति भी की गई है। शीघ्र ही इस योजना का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा।