बीते एक वर्ष पूर्व ऋषिकेश में गुरूद्वारे के एक सेवादार ने नेपाली मूल की दो बहनों को मौत के घाट उतार दिया था। जिसे अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। वहीं अभियुक्त परवान सिंह पर साठ हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका है। जिसमें से तीस हजार रूपये पीड़ित परिवार को दिये जाएंगे।
अदालत ने राहत कोष से भी इस परिवार को एक लाख रुपये देने के आदेश दिए हैं। मासूम बच्ची की मुट्ठी से मिले दोषी के दाढ़ी के बाल उसे सजा दिलाने में अहम सुबूत बने। पोक्सो की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत ने करीब सालभर के भीतर मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया। दोषी दरिंदा तब ऋषिकेश के श्यामपुर स्थित गुरूद्वारे में सेवादार था।
पिछले साल 15 जून, 2017 को ऋषिकेश के निकटवर्ती क्षेत्र श्यामपुर में यह घटना सामने आई थी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक परवान सिंह यहां एक गुरूद्वारे में सेवादार था। वह परिसर में ही रहता था। गुरूद्वारे के पिछले हिस्से में बने कमरे में एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ किराये पर रहती थी। वह आसपास के घरों में साफ-सफाई कर परिवार का गुजर बसर करती थी। 15 जून की सुबह महिला रोज की तरह अपने काम पर चली गई।
घर पर उसकी 13 और तीन साल की बेटियां अकेली थी। उसका आठ साल का बेटा रिश्तेदार के घर गया हुआ था। इसी दौरान सेवादार परवान सिंह उनके कमरे में गया और बड़ी बेटी के साथ दुष्कर्म की कोशिश करने लगा। लेकिन विरोध के चलते वह नाकाम रहा। इस पर उसने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने उसकी तीन साल की छोटी बहन के साथ पहले दुष्कर्म किया और फिर उसे भी गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया।
कुछ देर बाद पुलिस ने आरोपित सेवादार को गिरफ्तार कर लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तीन वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद फॉरेंसिक जांच में आरोपित के सीमेन और दाढ़ी के बालों के नमूने की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। दुष्कर्म के दौरान बचाव में छटपटाहट के वक्त आरोपित की दाढ़ी के कुछ बाल बच्ची की मुट्ठी में फंस गए थे। इन्हें ही फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था।
पोक्सो की विशेष न्यायाधीश रमा पांडे की अदालत में मामले की सुनवाई चली। अभियोजन पक्ष की तरफ से 14 गवाह पेश किए गए। अदालत ने तीन रोज पहले सेवादार परवान सिंह को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था।
गुरूवार को अदालत ने उसे हत्या में मौत और पोक्सो एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों ही अपराधों पर उस पर तीस-तीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। विशेष लोक अभियोजक भरत सिंह नेगी ने बताया कि अदालत ने इसे रेयर ऑफ द रेयरेस्ट माना।