वेश्यावृत्ति कराने पर मां बेटे को 10-10 साल की सजा

वेश्यावृत्ति मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने मां और बेटे को 10-10 साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने अनैतिक देह व्यापार में भी दोनों को पांच-पांच साल की भी सजा सुनाई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

अभियोजन के अनुसार 28 मार्च 2018 को कोतवाली पुलिस ने देहरादून रोड पर एक होटल के पास स्विफ्ट कार रोकी थी। कार से मां बेटा सहित दो लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में मूल रूप से पश्चिम बंगाल, हाल निवासी दिल्ली की दो लड़कियों ने मां-बेटे पर वेश्यावृत्ति कराने का आरोप लगाया था। इस मामले में दोनों लड़कियों को सरकारी गवाह बनाकर मां और बेटे को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत ने ऋषभ पुत्र स्व. आदर्श कुमार और उसकी मां मंजू निवासी 315 रामनगर लक्खीबाग थाना कोतवाली नगर देहरादून को नौकरी का झांसा देकर वेश्यावृत्ति कराने तथा अनैतिक देह व्यापार का दोषी माना था।

बुधवार को अदालत ने सजा पर अपना फैसला सुनाते हुए मां बेटे को वेश्यावृत्ति कराने में 10-10 साल का कठोर कारावास तथा 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। इसके अलावा अदालत ने अनैतिक देह व्यापार में दोनों को पांच-पांच साल का कठोर कारावास सुनाया। साथ ही दो-दो हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।