अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर क्षेत्रीय विधायक व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले योगाचार्यों को भी सम्मानित किया। साथ ही डा. अग्रवाल ने योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में डा. अग्रवाल ने श्रीदेव सुमन विवि के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. जयप्रकाश कंसवाल, एसजीआरआर विवि के योग विज्ञान के विभागाध्यक्ष डा. सुरेंद्र प्रसाद रयाल, प्रवक्ता डा. चंद्रेश्वरी नेगी, योगाचार्य दिवाकर व्यास, उषा दवाण, स्वाति बंधानी, डा. पूजा नौटियाल, मंगलेश बिजल्वाण, अजय बैलवाल, डा. ममता रयाल को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
डा. अग्रवाल ने कहा कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक प्रक्रिया है। यह हमारे मन को स्थिर कर चेतना की गहराइयों तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने सदैव मानवीय मूल्यों को सर्वाेपरि रखा है और हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है। यही कारण है कि आज योग दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन गया है और भारतीय जीवन शैली को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित कर रहा है।
डा. अग्रवाल ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता देने के लिए प्रस्ताव रखा था, जिसे 177 देशों ने समर्थन दिया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग और ऋषि मुनियों की भूमि है। ग्राम स्तर तक सभी लोग योग से जुड़े, सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास किए गए हैं। योग से रोजगार के अवसर बढ़ाये जा रहे हैं। उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के लिए नई योग नीति लाई गई है।
इस अवसर पर मंडल महामंत्री पुनीता भंडारी, पूनम डोभाल, शकुंतला कुकरेती, सुमित पंवार, शिव कुमार गौतम, अखिलेश मित्तल, विवेक चतुर्वेदी, दीपक नेगी, हर्ष पाल आदि उपस्थित रहे।