नीरु जोशी।
पालिका प्रशासन अब नगर में कूड़ा फैलाने वालों पर कार्रवाई कर सकेगा। शासन ने उत्तराखंड कूड़ा फेंकना एव थूकना प्रतिषेध अधिनियम 2016 के तहत निकायों को कार्रवाई का अधिकार दे दिया है। इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों में कूड़ा फेंकना, एकत्र करना, व्यवसायिक प्रदूषण फैलाना, ऐसे खाद्य पदार्थ जो हानिकारक श्रेणी में आते है को सड़क किनारे सूखाता है, खाद, कचरा, राख, उद्यान अप्रदूषण चलते हुए या खड़े वाहन से सड़क में गिराता है तो पालिका को पूर्ण अधिकार होगा कि इस अधिनियम के तहत कार्रवाई कर सके।
अस्तबल, तबेले, पालतू मवेशियों का अपशिष्ट या गोबर को नालियों में नही बहाया जा सकेगा। सार्वजनिक स्थानों में बीड़ी, सिगरेट, गुटखा आदि का सेवन करते हुए थूकने को भी अधिनियम में शामिल किया है। अधिनियम में उल्लेखित है कि निजी स्वामी अपने परिसर के आसपास के क्षेत्र को स्वच्छ रखने का उत्तरदायी होगा। निजी सड़क से लगे परिसर का स्वामी अपने परिसर के आधे या मध्य भाग तक सड़क की सफाई करवायेगा। अधिनियम के उल्लंघन करने पर पालिका को अधिकार होगा कि कार्रवाई करते हुए न्युन्तम दो सौ रुपये व अधिकतम पांच सौ रुपये का जुर्माना वसूले।
लेकिन यदि कोई व्यक्ति बार बार अधिनियम का उल्लघंन करता है तो प्रतिदिन पांच सौ रुपये के हिसाब से पालिका अर्थदंड वसूलने की अधिकारी होगी। पालिका प्रशासन के द्वारा की गयी कार्रवाई में दोष सिद्ध होने पर अधिकतम पांच हजार का अर्थदंड या छ:माह की अवधि का कारावास या दोनों साथ देय होंगी। अधिनियम के अनुसार राज्य की नगर निकायों में भी इसके नियम लागू होंगे। इसकी अधिसूचना 30 नवबंर 2016 से राज्य में लागू हो गयी है। शासन ने 6 मार्च को नगर पालिका ऋषिकेश को पत्र भेजकर अधिनियम का पालन सुनिश्चित करवाने को निर्देशित किया है।
नगर पालिका ऋषिकेश को शासन ने उत्तराखंड कूड़ा फेंकने एवं थूकना प्रतिषेध अधिनियम-2016 के गजट की प्रति सलंग्न करते हुए पालन सुनिश्चित करवाने के लिए निर्देशित किया है। पत्र और अधिनियम का अवलोकन किया जा रहा है। शीघ्र ही अपनी टीम के साथ कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
सचिन रावत व अरविन्द डिमरी
सफाई निरीक्षक नगर पालिका ऋषिकेश।