आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने शराब की दुकानों से हो रही राजस्व की हानि के लिये तीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। पंत ने इन तीनों आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह को दिए है।
पंत के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव डा. रणबीर सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी देहरादून मनोज कुमार उपाध्याय, जिला आबकारी अधिकारी हरिद्वार प्रशांत कुमार व जिला आबकारी अधिकारी चंपावत राजेंद्र लाल को निलंबित कर आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। साथ ही शासन ने नई तैनाती तक तीनों जिलों के अपर जिला अधिकारी को अतिरिक्त रूप से यह जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उक्त मामले की विस्तृत जांच कराने का निर्णय भी लिया।
प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2017-18 के लाइसेंस समाप्त होने के बाद शासन ने इन जिलों में एक माह के लिए शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी किए थे। हर जिले के लिए बकायदा राजस्व लक्ष्य भी तय किया गया। इन दुकानों के आवंटन के बाद ये तथ्य सामने आए कि इनमें से कई दुकानें निर्धारित से कम कीमत पर आवंटित की गई। इससे विभाग को करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि हुई।
कुछ दिनों पहले आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने निर्धारित से कम कीमतों पर दुकानों का आवंटन व इससे राजस्व में हुए नुकसान पर गहरी नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। अब शासन ने देहरादून, हरिद्वार और चंपावत जिलों में हुए नुकसान को देखते हुए तीनों जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन्हें निलंबन के दौरान आधा वेतन दिया जाएगा। इन्हें आरोप पत्र अलग से दिए जाएंगे।
शासन ने इन अधिकारियों के निलंबन के बाद देहरादून में एडीएम प्रशासन अरविंद कुमार पांडेय, हरिद्वार में एडीएम वित्त ललित नारायण मिश्र और चंपावत में एडीएम प्रशासन एवं वित्त हेमंत कुमार वर्मा को संबंधित जिलों के जिला आबकारी अधिकारी का दायित्व सौंपा गया है। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि अपर मुख्य सचिव आबकारी को इस पूरे मामले की विस्तृत जांच के आदेश दे दिए गए हैं, जांच अधिकारी वे ही नियुक्त करेंगे।