प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्वप्निल परियोजना नमामि गंगे के कार्य में हो रही धीमी गति पर लोकसभा सांसद व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने अधिकारियों को फटकारा। उन्होंने सख्त तेवर दिखाते हुये कहा परियोजना के निर्माण कार्य में लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने नमामि गंगे स्टेट प्रोग्राम ग्रुप तथा परियोजना से संबंधित अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर योजना की कार्य प्रगति पर चर्चा की। नमामि गंगे के परियोजना निदेशक डॉ. राघव लंगर ने बताया कि उत्तराखंड में नमामि गंगे परियोजना के तहत 42 घाटों का निर्माण किया जाना है। जिनमें से बीस घाटों का काम सिंचाई विभाग ने शुरू कर दिया है। जबकि ऋषिकेश व हरिद्वार के घाटों के निर्माण व विस्तार का काम नमामि गंगे के बजाय गंगा फ्रंट डेवलपमेंट योजना के तहत किया जा रहा है। जिसके बाद सांसद निशंक ने विभागवार अधिकारियों से योजनाओं की प्रगति की जानकारी ली।
अधिकांश विभागों का कहना था कि अभी तक कोई भी योजना पूरी नहीं हो पाई है। विभागीय अधिकारियों की ओर से संतोषजनक जवाब न मिलने पर सांसद का पारा आसमान चढ़ गया। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व बजट मिल जाने के बावजूद अभी तक नाममात्र के काम धरातल पर हुए हैं। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए योजना के कार्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सांसद डॉ. निशंक ने नमामि गंगे के परियोजना निदेशक डॉ. राघव लंगर को प्रत्येक सप्ताह नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा करने के निर्देश दिये।