नई दिल्ली।
केंद्र सरकार द्वारा आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद कोलकाता में करोड़ों का सोना झोपड़-पट्टी वालों के नाम पर खरीदा गया। यह खुलासा तब हुआ जब आयकर विभाग के अधिकारी सोने के खरीदारों की जांच के लिए उनके घर गए।
कोलकाता की प्रसिद्ध जौहरी दुकान ‘सेन्को गोल्ड लिमिटेड’ ने आठ नवंबर की रात करोड़ों का सोना बेचा। सोना खरीदने वाले इन ग्राहकों के जो नाम, पते और नंबर आयकर विभाग को दिए गए। उनमें लगभग सभी दक्षिणी कोलकाता स्थित झोपड़-पट्टी में रहने वाले लोग थे। जो घरों में काम करते हैं या फल, सब्जी बेचकर बमुश्किल रोजर्मरा की सुविधा जुटा पाते हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों के मोबाइल नंबर तो सही हैं लेकिन इन्हें देखकर नहीं लगता कि इन्होंने खरीदारी की होगी। मामले की जांच जारी है।
जांच में सेन्को गोल्ड ने माना कि आठ नवंबर को देशभर में उसके 79 दुकानों से 8500 बार खरीदारी हुई। सभी खरीदारों ने दो लाख से कम मूल्य के सोने की खरीद की जिसके लिए पैन नंबर देना अनिवार्य नहीं है। जब आयकर विभाग ने सेन्को गोल्ड से इन खरीदारों के नाम मांगे तो उन्होंने चार हजार लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दिए। इनमें से कई लोगों ने पहली बार सोना खरीदा था।
आयकर विभाग मान रहा गड़बड़ी
आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, खरीदारों के नाम और फोन नंबर तो एक ही थे लेकिन निश्चित तौर इन्होंने आठ नवंबर को खरीदारी नहीं की है। बेनामी संपत्ति कानून के तहत इनके ऊपर कारवाई भी की जा सकती है और साबित होने पर इन्हें सात साल की सजा और संपत्ति के बाजार भाव का 25 फीसदी जुर्माना लग सकता है।
जानकारियां चुराने की आशंका
हालांकि आयकर विभाग झोपड़-पट्टी वालों पर अभी कोई कारवाई करने से बच रहा है। अधिकारी ने कहा, इन लोगों की जानकारियां चुराकर इन्हें शिकार बनाया गया है इसलिए हम इन पर अभी कोई कारवाई नहीं कर रहे। आयकर विभाग के मुताबिक सेन्को गोल्ड 140 या इससे अधिक लोगों की पहचान छिपा रहा है। कंपनी के खिलाफ कारवाई शुरू कर दी गई है। एक अन्य अधिकारी ने कहा, कंपनी को वास्तविक खरीदारों का नाम बताना ही होगा। इसमें अभी तीन हफ्ते लग सकते हैं।