भाजपा परवादून की एक दिवसीय कार्यसमिति में संगठन नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाने पर दिया जोर
डोईवाला।
विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बूथ जीतने जीतना होगा। और अगर कार्यकर्ता ने बूथ जीत लिया तो सरकार हमारी ही बनेगी। पूर्व राज्यसभा सांसद मनोहरकांत ध्यानी ने कार्यकर्ताओं से यह बात भाजपा परवादून जिले की कार्यसमिति में कही। गुटों में बंटती जा रही भाजपा को इशारों में ही नसीहत दे डाली कि सरकार बनाने के लिए मतभेद भुलाने होंगे। नही तो बड़े नेता से लेकर छोटे कार्यकर्ता को भी सरकार न होने के नुकसान उठाने पड़ेंगे।
बुधवार को भानियावाला स्थित सिद्धिविनायक वैडिंग प्वाइट में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद मनोहरकांत ध्यानी ने कार्यकर्ताओं को विधानसभा में जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि सभी कार्यकर्ताओं को आपसी मतभेद भुलाकर मिशन 2017 को सफल बनाना होगा। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने बूथ पर भाजपा को बढ़त दिलाने की बात कही। ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार भाजपा विधायकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। जिन क्षेत्रों से भाजपा के विधायक है उन क्षेत्रों में कोई भी विकास कार्य नहीं किये जा रहे हैं।
वक्ताओं ने कहाकि बूथ जीता तो सबकुछ जीता। बूथ जीतने से ही सरकार बनेगी, यह सोचकर सभी कार्यकर्ताओं को कार्य करना होगा। कार्यसमिति की अध्यक्षता भाजपा परवादून के जिलाध्यक्ष जितेन्द्र नेगी ने की। उन्होंने अपने कार्यकाल में किये गये कार्यो की जानकारी दी और आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताया। संचालन जिला महामंत्री संजीव सैनी व सुदेश कंडवाल ने संयुक्तरुप से किया।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक उमेश शर्मा काउ, पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योती सजवाण, राजेन्द्र तडियाल, पुरूषोत्तम डोभाल, सुभाष भटट, दिगम्बर सिंह नेगी, करन बोरा, अनीता ममगांई, मनोज काम्बोज, आनन्द अग्रवाल, मंदीप बजाज, पंकज शर्मा, सतेन्द्र चौधरी, सम्पूर्ण सिंह रावत, सुशील जायसवाल, आशा कंडारी, शैलेन्द्र कौर, संतोष सेमवाल, राजेश काम्बोज, बख्तावर सिंह, कपिल गुप्ता, इंद्रकुमार गोदवानी, गंभीर सिंह राणा, चेतन शर्मा, सतेन्द्र धस्माना आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
नही पहुंचे निशंक और त्रिवेन्द्र
परवादून भाजपा की कार्यसमिति में पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व पूर्व काबिनामंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत नही पहुंचे। पहले दोनो दिग्गज के आने की बात कही जा रही थी। कार्यकर्ता दोनों नेताओं के नही आने की चर्चा करते दिखे। जब मंच से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का संबोधन चल रहा था, तब दबी आवाज में कार्यकर्ता पहले वरिष्ठ नेताओं में गुटबाजी खत्म करने की बात कह रहे थे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि छोटे नेताओं का तो सभी नसीहत देते है, लेकिन संगठन में गुटबाजी संगठन के ही नेता पैदा कर रहे है।