लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वीएसम (सेवानिवृत्त) ने बुधवार को राजभवन में उत्तराखंड के आठवें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथग्रहण समारोह के बाद राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड की महिलाएं स्वावलंबी और बहादुर हैं। यहां की बेटियों को सैनिक स्कूलों व एनडीए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तीकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा। इससे पहले बुधवार को राजभवन में राष्ट्रगान के साथ शपथग्रहण समारोह की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव एसएस संधू ने किया।
मुख्य सचिव ने राज्यपाल की नियुक्ति का राष्ट्रपति की ओर से भेजा गया अधिपत्र पढ़कर सुनाया। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने भारतीय सेना की चार मराठा बटालियन रेजीमेंट द्वारा दिए गए सम्मान गार्ड का निरीक्षण किया। समारोह में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत, सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, डॉ. धनसिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कई गण्यमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
पैतृक गांव से बड़ी संख्या में पहुंचे लोग
राज्यपाल के पैतृक गांव जालाल (अमृतसर) से भी कुछ ग्रामीण करीब तीन हजार गांववासियों की शुभकामनाएं लेकर राजभवन पहुंचे और शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए। अपने गांव के व्यक्ति के राज्यपाल बनने पर उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। समारोह में राज्यपाल के परिजनों, स्कूल कॉलेज और सेना में सेवा के दौरान रहे मित्र और सहपाठी भी शामिल हुए।
सैन्य पृष्ठभूमि वाले पहले और प्रदेश के दूसरे सिख राज्यपाल
गुरमीत सिंह प्रदेश के पहले सैन्य पृष्ठभूमि वाले राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला के बाद वह राज्य के दूसरे सिख राज्यपाल हैं। सुरजीत सिंह बरनाला उत्तराखंड के पहले राज्यपाल थे।
पूर्व सैनिक और उनका परिवार मेरी प्राथमिकता
राज्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक, सैनिकों के बुजुर्ग माता-पिता और परिवार उनकी प्राथमिकता हैं। इनके स्वास्थ्य, पेंशन संबंधी समस्याओं के निस्तारण, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना के लिए काम करेंगे।
पवित्र भूमि की सेवा करना सौभाग्य की बात
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड पवित्र भूमि है, इसकी सेवा करना सौभाग्य की बात है। यहां यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ चार धाम हैं। गंगा और यमुना का मायका है। नानकमत्ता साहिब, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया कि उनको उत्तराखंड का राज्यपाल बनने का मौका दिया।
मिलकर संवारेंगे राज्य
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य प्रकृति का खजाना है। इसका सौंदर्य आलौकिक है। उत्तराखंड में पर्यटन आधारित बिजनेस, जैविक कृषि, योग-आयुर्वेद, खाद्य प्रोसेसिंग पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर पहाड़ों में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर पैदा किए जा सकते हैं। वर्तमान सरकार इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है। आगे भी इसके लिए हर संभव सहयोग राज्य सरकार को हमेशा रहेगा। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि समय तेजी से बदल रहा है। यह टेक्नॉलोजी का युग है। राज्य दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। इसलिए कनेक्टिविटी, पुल, सड़क, टनल का संपर्क भी महत्वपूर्ण है। समय के अनुसार विकास और तरक्की की नई इबारत लिखनी है।
वीर शहीदों को किया याद
राज्यपाल ने प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा के साहस, शौर्य और पराक्रम को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उत्तराखंड से राष्ट्र सुरक्षा के लिए सम्मानित 23 महावीर चक्र, 147 वीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 19 कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन किया।
उत्तराखंड में राज्यपाल का विवरण
सुरजीत सिंह बरनाला-09 नवंबर 2000 से 07 जनवरी 2003
सुदर्शन अग्रवाल-08 जनवरी 2003 से 28 अक्टूबर 2007
बीएल जोशी-29 अक्टूबर 2007 से 05 अगस्त 2009
मार्गेट आल्वा-06 अगस्त 2009 से 14 मई 2012
डॉ. अजीज कुरैशी-15 मई 2012 से 07 जनवरी 2105
डॉ. केके पॉल-08 जनवरी 2015 से 25 अगस्त 2018
बेबी रानी मौर्य-26 अगस्त 2018 से 08 सितंबर 2021
ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.)-09 सिंतबर 2021 से शुरु …