ऋषिकेश पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश में राष्ट्रीय स्वच्छता गंगा मिशन जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, राज्य प्रबंधक ग्रुप नमामि गंगे उत्तराखंड, नमामि गंगे प्रकोष्ठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वाधान से चलाए जा रहे नमामि गंगे स्वच्छता पखवाड़ा में ध्यान योग एवं अध्यात्म का प्रशिक्षण अध्यात्म विज्ञान सत्संग केंद्र जोधपुर राजस्थान के संस्थापक गुरुदेव रामलाल सियाग के शिष्य भूपेश सोनी दिया गया।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा योग अपने आप में एक संपूर्ण जीवन जीेने के कला है, स्वस्थ्य रहने की कला है। आज के दौर में कुछ लोग योग को सामान्य आसन करना या फिर सामान्य हाथ पैर हिलाना ही जानते है। लेकिन, योग के जरिए हम अपने शरीर, मन को पूर्ण रूप से स्वस्थ्य कर सकते हैं। महर्षि पतंजलि ने अष्ठांग योग का वर्णन किया है। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, समाधि तक का वर्णन मिलता है। लेकिन, आज हम शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए योग करते हैं। मानसिक फिटनेस के लिए योग करते हैं। योग से पूरे शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है। शरीर को फिट रखने के लिए हम आसन करते हैं यदि आसनों का अभ्यास सही तरीके से किया जाए तो बहुत सारी बीमारियां ठीक हो सकती है। ध्यान के द्वारा आप अंर्तमुखी बनते हैं। सारी बीमारियां दूर होती है। आज लोग अपने आप को समय नहीं दे पाते। तनाव बढ़ रहा है। ध्यान और प्राणायाम के द्वारा हमें तनाव से पूरी तरह से मुक्ति मिल सकती है। आसन का बहुत बड़ा रोल होता है। आसन योग का वो हिस्सा है जिसके द्वारा हम शरीर को फिट रखने के लिए आसन का उपयोग करते हैं। आसन से शरीर के हर हिस्से को मजबूती मिलती है। मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
इस मौके पर नमामि गंगे नोडल अधिकारी एवं वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना डॉ अशोक कुमार मेंदोला, कार्यक्रम अधिकारी डॉ प्रीति खंडूरी, डॉ पारूल मिश्रा, रितेश, अमित रतूड़ी, निजाम आलम, साक्षी, पीयूष जोशी, सचिन राणा, सृष्टि आर्या, भोले शंकर, नीलम, अंजलि रावत, प्रिंसी नौटियाल, नीलम, प्रियांशी, आंचल के साथ 173 छात्र छात्राओं ने रैली में प्रतिभाग किया।