भारत की जासूसी करने वाले पाकिस्तानी नागरिक की जमानत याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। जासूसी के आरोपी पाकिस्तानी नागरिक आबिद अली उर्फ असद अली उर्फ अजीत सिंह निवासी लाहौर, पाकिस्तान की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि उसकी जमानत के बांड को निरस्त करे और उसे हिरासत में लें। वर्तमान में वह रुड़की में रह रहा है।
बुधवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि उसके खिलाफ जासूसी के आरोप में तमाम सबूत हैं। उसने पासपोर्ट एक्ट का भी दुरुपयोग किया है। मामले में पूर्व में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया
क्या था मामला
दरअसल 25 जनवरी 2010 को महाकुंभ के दौरान हरिद्वार पुलिस ने आबिद अली को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, विदेशी नागरिक एक्ट और पासपोर्ट एक्ट में रुड़की से गिरफ्तार किया था। उसके पास से मेरठ, देहरादून, रुड़की सहित अनेक स्थानों पर स्थित सैन्य संस्थानों के नक्शे, अनेक संदिग्ध और गोपनीय दस्तावेज, पेन ड्राइव आदि सामग्री बरामद हुई थी। रुड़की में उसके निवास स्थान पर पुलिस के छापे में बिजली की फिटिंग के बोर्ड और पंखे में छिपाकर रखे गए एक दर्जन सिमकार्ड भी मिले थे।इस मामले में एफआईआर दर्ज होने और मुकदमे के बाद दिसंबर 2012 में निचली अदालत ने उसे दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। सजा के विरुद्ध अभियुक्त की ओर से अपील दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के बाद जुलाई 2013 में अपर जिला जज (द्वितीय) हरिद्वार ने उसे बरी करने के आदेश पारित किए। इस पर जेल अधीक्षक ने कोर्ट तथा एसएसपी को सूचित किया कि अभियुक्त के विदेशी नागरिक होने के चलते उसकी रिहाई से पूर्व उसका व्यक्तिगत जमानत बांड व अन्य औपचारिकताएं पूरी करनी आवश्यक हैं।