ऋषिकेश।
बुधवार को स्वर्गाश्रम स्थित होटल निर्वाणा में पीसीसी अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में कांग्रेस की जिला और शहर इकाइयों के अध्यक्षों के साथ विधानसभा चुनाव को लेकर समीक्षा बैठक हुई। जिसमें मुख्य एजेंडे के तहत जिलाध्यक्षों से बारी-बारी उनके क्षेत्रों में हार-जीत के कारणों और उसमें उनकी भूमिका पूछी गई। जिलाध्यक्षों ने उपाध्याय को पार्टी संगठन की स्थितियों, भीतरघात जैसे हालातों से अवगत कराया। इस दौरान किशोर ने कई जिलाध्यक्षों की परफारमेंस पर सवाल भी उठाए और उन्हें अपने काम करने के तौर-तरीकों को बदलने की हिदायत भी दी।
दोपहर 12 बजे से बंद कमरे में करीब तीन घंटे चली बैठक के दौरान जिलाध्यक्षों के अलावा प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, अनुशासन समिति के अध्यक्ष डा. केएस राणा भी मौजूद थे। समापन पर उपाध्याय ने बताया की बैठक में चुनावी समीक्षा के साथ ही जिलों में कार्यकर्ता बैठकों की तारीखें तय की गई हैं। कांग्रेस पार्टी संगठन की मजबूती के लिए ब्लॉक और शहर स्तर पर सालभर में एक बैठक करेगी, ताकि पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद कायम करने के साथ-साथ क्षेत्रीय मसलों को आगे बढ़ाया जा सके।
पांच अध्यक्ष रहे नदारद
स्वर्गाश्रम में कांग्रेस की 29 शहर और जिला इकाइयों के अध्यक्षों में से पांच बैठक में शामिल नहीं हुए। कांग्रेस की प्रदेश में कुल 23 जिला और 6 शहर इकाइयां गठित हैं। जिनमें से 23 अध्यक्षों ने ही बैठक में शिरकत की। बैठक में चंपावत, बाजपुर, उत्तरकाशी, पुरोला और रानीखेत के अध्यक्ष नहीं पहुंचे।
सरकार के काम को बताया अच्छा
कांग्रेस की चुनावी समीक्षा बैठक में जिलाध्यक्षों ने निर्वतमान सरकार के कार्यकाल पर चर्चा की और उसे अच्छा बताया। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने बताया कि हरीश रावत सरकार के कार्यकाल में जनहित से जुड़े विषयों, जन सरोकारों, उत्तराखंडियत के सवालों को प्राथमिकता मिली। जिलाध्यक्षों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा है।
गोपनीय ही रही बंद कमरे की अधिकांश बातें
कांग्रेस के शहर और जिला इकाई अध्यक्षों की बैठक में बेहद गोपनीयता बरती गई। यहां तक कि बैठक में जिलाध्यक्षों के अलावा किसी को भी एंट्री की इजाजत नहीं थी। साथ ही बैठक की बातों को बाहर शेयर करने पर प्रतिभागियों को सख्त हिदायत दी गई थी। जिससे अधिकांश बातें बंद कमरे तक ही सीमित रही।
सरकार के आगाज पर रहे चुप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने नई भाजपा सरकार के आगाज पर कोई टिप्पणी नहीं की। बैठक से इतर बातचीत में उपाध्याय ने कहा कि कांग्रेस अगले छह महीने तक नई सरकार के कामकाज को देखेगी, उसमें कोई व्यवधान नहीं डाला जाएगा। लिहाजा उसकी शुरुआत पर कोई बात नहीं हो सकती है।