मुख्यमंत्री के नाबालिगों के साथ दुराचार पर फांसी की सजा का कानून लाने संबंधी फैसले पर प्रदेश की महिलाओं ने स्वागत किया है। शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंची प्रदेशभर की करीब 300 से अधिक महिलाओं ने उनका आभार जताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में अबोध बच्चियों के साथ जघन्य अपराध होने पर उसकी सजा सिर्फ मृत्युदंड होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने विचार किया कि उत्तराखण्ड में छोटी मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्युदंड का कानून बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2016 में 38947 रेप के केस दर्ज किए गए, जिनमें से 33628 में ही चार्जसीट दर्ज हो सकी। इनमें से 18552 में ट्रायल पूरी हुई एवं 4739 में सजा हो पाई। छोटी-छोटी बालिकाओं के साथ रेप जैसे जघन्य अपराधों के लिए मृत्यु दंड से कम सजा नहीं हो सकती।
अपराधी के मन में मौत का भय आना ही इस कानून का मकसद है। मुख्यमंत्री ने कहा इसके लिए मां को मजबूत होना आवश्यक है। मां मजबूत होगी तो परिवार मजबूत होगा। हमारी बच्चियां ऐसे हालात का मुकाबला कर सके इसके लिए हमें उन्हें मजबूत बनाना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में सिर्फ नौकरी का इंतजार करना ठीक नहीं। आज के युवाओं को स्वरोजगार की ओर बढ़ना होगा। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए छोटी सी शुरुआत की है। महिला स्वयं सहायता समूह की सहायता से देवभोग प्रसाद तैयार कर प्रदेश के मंदिरों में वितरित किया जा रहा है।
केदारनाथ में सवा करोड़ का देवभोग प्रसाद बेचा गया। उन्होंने कहा कि हमने 110 महिलाओं को एलईडी लाइट बनाने का प्रशिक्षण दिया है। हमारी महिला बहनों ने इसमें बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। इनके द्वारा निर्मित उत्पाद बहुत ही सस्ता एवं टिकाऊ है। जहां अन्य उत्पादों की एक साल की वारंटी है, हमारी बहनों द्वारा तैयार उत्पाद की दो साल की वारंटी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिरूल नीति तैयार की गई है। इस में महिला समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयुष्मान भारत योजना शुरू की गई है जिसमें देश की 40 प्रतिशत आबादी को हेल्थ कवरेज दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार में प्रदेश के सभी नागरिकों को हेल्थ कवरेज देने का फैसला किया है। प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति देश के किसी भी हॉस्पिटल में इलाज करा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जानकारी के अभाव में प्रदेश की बहुत सी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पात्र लोगों को नहीं मिल पाता। हम सभी का प्रयत्न होना चाहिए, ऐसे पात्र लोगों को इसकी जानकारी देकर उनकी सहायता करें।