मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के एक वर्ष पूरे होने पर प्रदेश वासियों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार ने उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए समाज के हर वर्ग का उत्थान करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। किसान, महिला और गांव सरकार की नीतियों के केंद्र में हैं। पहाड़ से पलायन रोकना, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देना, बेहतर शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान करना सरकार की प्राथमिकताएं हैं। मात्र कोरी घोषणाएँ नहीं की गयी हैं, बल्कि ऐसी घोषणाएं की गयी हैं, जिन्हें पूरा किया जा सकता है।
सीएम बोले ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। राज्य के 99.60 प्रतिशत ग्राम विद्युतीकृत हो गये हैं। विगत एक वर्ष में 51 दूरस्थ गाँव विद्युतीकृत किए गए एवं शेष 21 गाँव मार्च के अन्त तक विद्युतीकृत हो जाएंगे।
एक वर्ष में 552 नई बस्तियों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। 572 नये स्थानों पर हैण्डपम्प लगाए गए हैं। 1273 ग्रामीण पेयजल योजनाओं का सुदृढ़ीकरण एवं जीर्णोद्धार किया गया है। प्रदेश में 3837 चाल-खाल, जलकुण्ड, फार्म पॉण्ड का निर्माण किया गया है। देहरादून में सूर्यधार झील परियोजना का कार्य शुरू हो गया है। देहरादून में रिस्पना नदी व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु अभियान प्रारम्भ हो चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में लगभग 600 अतिरिक्त चिकित्सकों को पर्वतीय क्षेत्रों में नियुक्त किया गया। इनमें 239 बॉन्डधारी चिकित्सकों की भी नियुक्ति भी सम्मिलित हैं। मैदानी क्षेत्रों में सुविधा जनक स्थानों पर वर्षों से जमें डाक्टरों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें वापस मूल स्थानों पर तैनात किया गया है।
राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी सरकार सदैव प्रयासरत है। 15 ग्रॉथ सेंटरों में महिलाओं को एलईडी उपकरण निर्माण की टेªनिंग दी जा रही है। सामाजिक रूप से कमजोर एवं निराश्रित महिलाओं के लिये एक लाख तक ऋण मात्र एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जा रहा है। एकल महिलाओं के लिये सखी ई-रिक्शा योजना शुरू की गयी है। इसके साथ ही प्रथम स्पर्श सैनेटरी नैपकिन उत्पादक इकाई शुरू कर दी गयी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने हेतु शुरू की गयी योजना के अन्तर्गत अब तक सवा लाख से अधिक किसानों को लगभग 600 करोड रूपये का ऋण मात्र 02 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जा चुका है। पर्वतीय क्षेत्र में छोटी एवं बिखरी जोतों की चकबन्दी का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत स्टेट कम्पोनेंट में देश का पहला प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड में खोला गया है। एमएसएमई के क्षेत्र में 2951 ईकाइयों की स्थापना की गयी है, जिससे लगभग 17 हजार से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। राज्य में सेण्ट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलॉजी के लिये भवन एवं भूमि चिन्ह्ति कर ली गयी है, जिसमें इस वर्ष से कक्षाओं की शुरूआत कर दी जाएगी।
सिंगल विण्डो सिस्टम के अन्तर्गत लगभग 2500 करोड रूपये के 460 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। नई स्टार्ट अप नीति-2018 भी लागू कर दी गयी है। उद्यमियों को नये उद्यमों हेतु भूमि खरीदने की अनुमति अब जिला स्तर से ही प्राप्त हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य के विकास के लिये रोडमैप निर्धारित करते हुए हमने लक्ष्य 2020 के अन्तगर्त 2020 तक राज्य की सभी योजनाओं में डीबीटी लागू करने, राजस्व दोगुना करने, 05 हजार होम स्टे का निमार्ण, 01 लाख युवाओं को स्किल्ड बनाने, 200 स्टार्ट अप आरम्भ करने, 04 लाख 35 हजार वंचित परिवारों में से कम से कम एक व्यक्ति प्रति परिवार को जीविका के साधन देने, सर्विस सेक्टर में 01 लाख नए रोजगार उत्पन्न करने, सभी ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाईबर कनेक्टिविटी देने जैसे लक्ष्य रखे है।