नेपाली संस्करण ‘‘प्रलय के बीच’’ का प्रधानमंत्री ने किया विमोचन

देहरादून।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं हरिद्वार के सांसद डॉ0 रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की केदारनाथ आपदा पर लिखी पुस्तक ‘‘प्रलय के बीच’’ के नेपाली संस्करण का विमोचन किया। प्रधानमंत्री आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री प्रचंड ने कहा कि डॉ0 निशंक के साहित्य से दोनों देशों की एक-दूसरे से सांस्कृतिक निकटता बढ़ेगी। डॉ0 निशंक जिस तरह से सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक क्षेत्र में एक साथ सक्रिय हैं यह उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को दर्शाता है। प्रचंड ने डॉ0 निशंक को हिमालयी क्षेत्र से सम्बंधित विषयों का ज्ञाता बताते हुये उनकी हिमालयी राज्यों के विकास से सन्दर्भित अवधारणा पर एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने हिमालय क्षेत्र में हिन्दू एवं बौद्ध, पर्यटन सर्किट की स्थापना का भरोसा दिलाया।
उन्होंने कहा कि मैं डॉ0 निशंक को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने एक लेखक के रूप में, तथा एक राजनीतिज्ञ के रूप में जिन उंचाइयों को छुआ है वह सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि डॉ0 निशंक से इस मुलाकात से भारत-नेपाल के मध्य सांस्कृतिक संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। ये क्षण बेहद अर्थपूर्ण तथा दूरगामी महत्व के हैं। डॉ0 निशंक की पुस्तक ‘प्रलय के बीच’ पुस्तक का विमोचन करना मेरे लिए बेहद गौरवान्वित एवं अविस्मरणीय क्षण है। 112
साहित्य और राजनीति के माध्यम से समाज की सेवा करने वाले डॉ0 निशंक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। मैं उनकी सफलता की कामना करता हूं।
उपराष्ट्रपति नन्द किशोर ने कहा कि वर्ष 2010 में हरिद्वार में महाकुम्भ के कुशल आयोजन के लिये उनका नोबेल के लिये नामित होना एक असाधारण उपलब्धि है। उपराष्ट्रपति ने उन्हें पुनः नेपाल आने का निमंत्रण भी दिया। इससे पूर्व डॉ0 निशंक ने काठमांडू स्थित भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त किया। मन्दिर के प्रधान आचार्य गणेश भट्ट ने डॉ0 निशंक का स्वागत किया। डॉ0 निशंक ने 98 वर्षीय नेपाली राष्ट्रकवि भी माधव प्रसाद के घर जाकर उनका आशीर्वाद लिया। प्रसाद ने डॉ0 निशंक को बधाई देते हुये कहा कि उन्होंने अपने साहित्य में मानवीय संवेदनाओं और मूल्यों को बेहतरीन ढंग से रेखांकित करके समाज को एक नई दिशा देने का सफल प्रयास किया है। उन्होने की साहित्य की एक नई विधा को स्थापित किया है।
उद्योगपति एवं समाजसेवी उपेन्द्र महतो ने कहा कि डॉ0 निशंक ने आर्थिक, सहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप में समाज की सेवा की है। पशुपति क्षेत्र के प्रशासक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील नाहडा ने डॉ0 निशंक के जनपक्षीय साहित्य की प्रशंसा की। डॉ0 गोपाल, नेपाली अकादमी की निदेशक उषा ठाकुर आदि ने भी डॉ0 निशंक के साहित्यिक योगदान की प्रशंसा की।