लोगों को विश्वास नही हो रहा कमल जोशी ने आत्महत्या की

कोटद्वार।
प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी की अंतिम यात्रा में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिस ओर भी देखों सभी की आंखें नम थी। महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक को विश्वास नहीं था कि वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी अब उनके बीच नहीं रहे। मंगलवार को खोह नदी के तट पर स्थित मुक्तिधाम में उनकों अंतिम विदाई दी गयी। उनके भतीजे अजय जोशी ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया। गोखले मार्ग स्थित स्व. जोशी के आवास से लेकर मुक्तिधाम तक सिर्फ एक ही चर्चा थी कि जिंदादिली से रहने वाला इंसान इस तरह भी दुनिया से विदा हो सकता है। बतातें चलें कि विगत सोमवार सांय लगभग साढ़े 5 बजे पुलिस को सूचना मिली थी कि गोखले मार्ग स्थित आवास में वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी का शव रस्सी के सहारो खूंटी पर लटका हुआ है। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उनके परिजनों को सूचित किया था। पहले पुलिस भी इस मामले को संदिग्ध मान रही थी। अंतिम विदाई देने वालों में पदमश्री डॉ. अनिल जोशी, राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा, हंस संस्था के प्रदेश प्रभारी पदमेंद्र बिष्ट, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला, कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना, विजय नारायण सिंह, लक्ष्मण सिंह रावत, गुड्डु चौहान, राजेन्द्र जखमोला, राजेंद्र बडोला, शैलेन्द्र बिष्ट, मुन्नालाल मिश्रा, एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी समेत बड़ी संख्या स्थानीय लोग शामिल रहे।

फोरेंसिक टीम ने की जांच
वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी की संदिग्ध मौत की खबर सुनते ही शासन-प्रशासन में हड़कम्प मच गया था। मामले की जांच के लिए मंगलवार सुबह ही देहरादून से फोरेंसिक टीम कोटद्वार पहुंच गई थी। जांच के लिए आये डीएनए एक्सपर्ट डॉ. मनोज अग्रवाल और सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एस के शर्मा ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने मृतक के कपड़े खंगाले जिसमें से उन्हें एक सोसाइड नोट मिला। उन्होंने बताया कि सोसाइड नोट में स्पष्ट लिखा हुआ था कि मैं जीवन से उब चुका हूं और इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। इसके अलावा उनके फुट प्रिंट से भी साफ था कि पत्रकार कमल जोशी ने आत्महत्या की है। हालांकि घटना के बाद देहरादून से कोटद्वार पहुंचे स्व. जोशी के छोटे भाई पदमश्री डॉ. अनिल जोशी का साफ कहना था कि उनका भाई सोसाइड नहीं कर सकता है। उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने की बात कही थी।