स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था करने के बाद अब सरकार को शिक्षकों का दूर से रोज अप-डाउन करना अखर रहा है।
इसके लिए शिक्षा विभाग पांच दशक पुराने मानक की पोथी खोल चुका है। इसके मुताबिक शिक्षक स्कूल के आठ किमी. के दायरे से ही अप-डाउन कर सकेंगे। शिक्षा महानिदेशक कैप्टल आलोक शेखर ने इस संबंध में निर्देश जारी कर मुख्य शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
शिक्षक स्कूल के आठ किमी. के दायरे में रह रहे हैं या नहीं इसकी पुष्टि एलआईयू से भी कराई जाएगी। सरकार के इस निर्णय पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि बायोमैट्रिक हाजिरी के बाद इस निर्णय का क्या औचित्य है।
शिक्षक समय से स्कूल पहुंचे और समय से ही स्कूल को छोड़े ये ज्यादा महत्वपूर्ण है। बायोमैट्रिक हाजिरी इसके लिए पर्याप्त है। ग्लोबल विलेज के दौर में विभाग की आठ किमी. की रट सरकार के विकास के दावों को भी कठघरे में खड़ा करती है।
जाहिर है कि ये निर्देश ये बता रहा है कि प्रदेश में रोड ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी कमजोर है। यही वजह है कि डोईवाला में तैनात शिक्षक देहरादून से अप डाउन नहीं कर सकेंगे। हरिपुर में तैनात शिक्षक हरिद्वार तक अप डाउन नहीं कर सकेंगे। कीर्तिनगर और श्रीनगर के बीच अप डाउन नहीं होगा।
Jun92017