राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता करते हुये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बोले कि सभी जिलाधिकारियों को वर्षाकाल से पूर्व आपदा से निपटने के लिये पांच-पांच करोड़ रूपये दे दिये जाये। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की आपदा प्रबंधन में अहम भूमिका रहती है। स्थानीय लोगों को आपदा से निपटने को प्रशिक्षण दिया जाये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन महिला मंगल दलों एवं युवा मंगल दलों को आपदा से राहत व बचाव की ट्रेनिंग दी गई हैं, उन्हें समय-समय पर पुनः प्रशिक्षित किया जाए। स्थानीय स्तर पर आपदा राहत एवं बचाव के लिए आवश्यक उपकरणों की पूर्ण व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) को और अधिक सुदृढ़ बनाया जाए। अर्ली वार्निग सिस्टम को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील स्थलों पर विशेष सुरक्षा बरतने के निर्देश दिये। उन्होंने भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील संस्थानों को चिन्हित करने एवं उससे बचाव के लिए प्रभावी उपाय तलाशने को कहा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में संचार सुविधा को बढ़ाने के लिए बैलून तकनीक विकसित की जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से रात्रि के समय आपदा राहत एवं बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बैठक के दौरान उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की वेबसाइट व लोगो का विमोचन किया तथा आईआरएस से संबंधित मोबाईल एप्लीकेशन को लॉच किया। इसके अलावा उन्होंने सैन्डई रूपरेखा, आईआरएस के कॉफी टेबल बुक, युवक एवं महिला मंगल दल प्रशिक्षण, एनडीएम के सहयोग से संचालित आपदा सुरक्षा मित्र योजना एवं आईआरएस चेकलिस्ट पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लोगो के डिजाइन के लिए कंपीटिशन जीतने वाले नरेन्द्र तोमर को 25 हजार रूपये की धनराशि एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया। आपदा में सर्च एवं रेसक्यू में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले युवाओं को सम्मानित भी किया गया।