रंभा नदी के संरक्षण को लेकर प्राधिकरण के गठन की मांग करते हुए नमामि गंगे के सदस्यों ने ऋषिकेश मेयर अनिता ममगाईं को ज्ञापन सौंपा हैं।
नमामि गंगे के जिला क्रियान्वयन समिति के सदस्य विनोद जुगलान के नेतृत्व में सभी सदस्यों ने नगर निगम कार्यालय में एकत्रित होकर मेयर अनिता ममगाईं को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कहा कि तीर्थनगरी में बहने वाली रंभा नदी का स्कंद पुराण के केदार खंड में वर्णन है। यह नदी कालेकीढाल के पास रंभा कुंड संजय झील से शुरू होकर वीरभद्र महादेव मंदिर के समीप गंगा में मिलती है। यह तीर्थनगरी के लिए विशेष महत्व प्रदान करती है।
प्राचीन काल में ऋषिकेश आने वाले तीर्थयात्री इसकी प्ररिक्रमा कर काशी के पंच कोसी यात्रा की तरह लाभ प्राप्त करते थे। हिंदुओं की इस धार्मिक मान्यता को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सर्वेक्षण से भी बल मिलता है। वर्तमान में रंभा नदी की स्थिति दयनीय बनी हुई है जो वह एक नाले में तब्दील हो चुकी है। जिसे सरकार की नमामि गंगे परियोजना में गंदा नाला माना गया है।
सभी गंगा भक्तों ने रंभा नदी और सरस्वती नदी केे संरक्षण के लिए आम सहमति से पांच बिंदुओं को क्रियान्वित करने और करवाने का निर्णय लिया है। उन्होंने मेयर से रंभा नदी और सरस्वती नदी के संरक्षण के लिए सरस्वती संरक्षण प्राधिकरण का गठन करने की मांग की है।