मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत केंद्र को भेजे गए विभिन्न प्रस्तावों को जल्द स्वीकृत करने का अनुरोध किया। इनमें केदारपुरी क्षेत्र में 67 करोड़ 64 लाख रूपए लागत से सीवेज प्रबंधन, गंगा की सहायक नदियों सुसवा, कोसी, ढ़ेला, कल्याणी, भेला, पिलाखर, नन्दौर व किच्छा में गिरने वाले नालों के प्रदूषित जल के उपचार के लिए 545 करोड़ 14 लाख रूपए लागत की आठ परियोजनाएं, काशीपुर आई.एण्ड डी व एसटीपी की 97 करोड़ 79 लाख रूपए लागत की परियोजना, केदारनाथ यात्रा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण 21 करोड़ 62 लाख रूपए लागत की गौरीकुण्ड सीवेज परियोजना, अगस्तमुनि की 27 करोड़ 17 लाख रूपए लागत की आईएंडडी व एसटीपी परियोजना व शारदा नदी में हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए 43 करोड़ 49 लाख रूपए लागत की टनकपुर सीवेज आईएंडडी व एसटीपी परियोजना शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की निर्मलता व अविरलता भारत सरकार व उत्तराखण्ड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। वर्तमान में नमामि गंगा के अंतर्गत प्रथम चरण में गंगा नदी में विभिन्न नालों व सीवर के पानी से हो रहे प्रदूषण को रोकने के लिए उत्तराखण्ड राज्य के चिन्हित 15 प्राथमिकता के नगरों में 1005.11 करोड़ लागत की कुल 21 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इसके सापेक्ष वर्ष 2017-18 में स्वीकृत की गई 18 योजनाओं में से 8 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, 6 योजनाएं अगस्त 2019 तक, 3 योजनाएं दिसम्बर 2019 तक व 1 योजना फरवरी 2020 तक पूरी कर ली जाएंगी। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में स्वीकृत की गई 03 योजनाओं के संबंध में निविदा प्रक्रिया गतिमान है। इन प्राथमिकता के नगरों में चिन्हित 135 नालों में से 70 नालों को टैप किया जा चुका है और शेष 65 नालों में 61 नालों के लिए इंटरसेप्शन एंड डाईवर्जन की योजनाएं नमामि गंगे परियोजना के तहत स्वीकृत की गई है। इनमें से भी 30 नालों को टैप किया जा चुका है।
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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्रीय मंत्री शेखावत से सिंचाई विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य की केन्द्र पुरोनिधानित निर्माणाधीन योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष केन्द्रांश 142 करोड़ 52 लाख रूपए व लघु सिंचाई विभाग की केन्द्र पोषित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए अवशेष धनराशि 63 करोड़ 57 लाख रूपए यथाशीघ्र अवमुक्त करने के साथ ही लघु सिंचाई विभागके अंतर्गत क्रियान्वित योजनाओं के कार्यों को पूर्ण कराए जाने की समयावधि 31 मार्च 2020 तक विस्तारित करने का भी अनुरोध किया।
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मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा केंद्र को नमामि गंगे योजना में प्रेषित प्रस्तावों की शीघ्र स्वीकृति के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को निर्देशित करने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री द्वारा इस पर जल्द समुचित कार्यवाही किए जाने का आश्वासन दिया गया।