-तपती धूप में खड़े होकर श्रद्धालु करा रहे अपना पंजीकरण
-बजट के अभाव में मात्र 50 सफाई कर्मचारियों की हो पाई भर्ती
-जनरेटर से नहीं जोड़े गए पंखे और लाइट के कनेक्शन
ऋषिकेश।
चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं चाक-चौबंद नहीं हैं। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से यात्रा अपने चरम पर लौटने लगी है लेकिन पंजीकरण कराने पहुंच रहे श्रद्धालु तपती धूप में खड़े होने को मजबूर हैं। जनरेटर से पंखे और लाइट के कनेक्शन नहीं जोड़े गए हैं। बजट का रोना रोकर पालिका प्रशासन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने से पल्ला झाड़ रहा है। चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर गढ़वाल कमिश्नर ने चारधाम यात्रा कम्पाउंड का एक बार भी निरीक्षण नहीं किया है।
चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है लेकिन चारधाम यात्रा के प्रवेश द्वार ऋषिकेश में ही यात्रा की व्यवस्थाएं दुरस्त नहीं हैं। चारधाम यात्रा कम्पाउंड में तीर्थयात्रियों के लिए अभी तक टेंट नहीं लग पाया है। इसकी जगह पालिका प्रशासन ने एक छोटा टेंट जरूर लगा रखा है लेकिन बढ़ती भीड़ के आगे वह नाकाफी नजर आ रहा है। इसके चलते पंजीकरण करा रहे श्रद्धालुओं को तपती धूप में लाइन लगाकर पंजीकरण कराना पड़ रहा है।
कमोबेश यही हाल बिजली चले जाने पर हो रहा है। यात्री विश्राम गृह और पंजीकरण काउंटरों के बाहर लगाए गए पंखों का कनेक्शन जनरेटर से नहीं जोड़ा गया है। इसके चलते श्रद्धालु गर्मी से बेहाल रहते हैं। यात्रा काल में नगर की साफ-सफाई चाक चौबंद रखने के लिए सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जानी थी लेकिन इसके लिए 70 कर्मचारियों के सापेक्ष मात्र 50 कर्मचारियों की ही भर्ती हो पाई है। गौरतलब है कि चारधाम बस कम्पाउंड में व्यवस्थाए दुरुस्त करने की जिम्मेदारी पालिका प्रशासन के पास है। लेकिन बजट का रोना रोकर पालिका अपना पल्ला झाड़ रही है।
पालिका के अधिशासी अधिकारी वीपीएस चौहान का कहना है कि शासन को चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए 67.55 लाख का बजट मांगा गया था लेकिन मात्र 15 लाख रुपये ही जारी किए गए हैं। अब जितना बजट होगा व्यवस्थाएं भी उतनी ही दुरुस्त हो पाएंगी।