भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल का सिर गर्व से ऊंचा हुआ है, उनकी बहू कात्यायनी कंडवाल ने दिल्ली की ज्यूडिशन सर्विस में दूसरा स्थान कब्जाया है, इसकी बदौलत अब वह दिल्ली में न्यायधीश बनकर वादों का निस्तारण करेंगी।
मूल रूप से मवाल स्यूं, पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली कात्यायिनी के पिता मदनमोहन सुंदरियाल गोपेश्वर में सिंचाई विभाग में कार्यरत थे। कात्यायिनी का जन्म भी गोपेश्वर में ही हुआ था। कात्यायिनी की मां कुसुम सुंदरियाल जूनियर हाई स्कूल में शिक्षिका है। शिक्षा पूरी करने के बाद 2015 में कात्यायिनी का विवाह प्रांशु कंडवाल से हुआ। प्रांशु का दिल्ली में खुद का बिजनेस है। जिसमें वह डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं।
प्रत्येक सास-ससुर का सपना होता है कि उनकी बहू ससुराल में घर की जिम्मेदारी संभाले। लेकिन सास भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल और ससुर सेवानिवृत्त वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि कंडवाल ने कात्यायिनी को बहू न समझ कर अपनी तीसरी संतान बेटी के रूप में स्वीकार कर उसका लक्ष्य पूछा। वहीं कात्यायिनी ने भी सास ससुर में अपने माता पिता का रूप देखकर अपना लक्ष्य बताया। और फिर क्या था यहीं से कात्यायनी के सपनों को पंख लगने शुरू हो गए। कात्यायिनी के पति प्रांशु कंडवाल ने भी उनको लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए जी तोड़ मेहनत की और हर कदम पर उनका साथ दिया।
इसी का परिणाम है जो आज 5 साल के बाद उन्होंने उत्तराखंड दिल्ली ज्यूडिशल सर्विसेज पीसीएस जे 2019 में द्वितीय स्थान प्राप्त कर उत्तराखंड के साथ ही तीर्थनगरी का नाम भी रोशन किया है।