ऋषिकेश।
परमार्थ निकेतन में विदेश से आए योग साधकों ने रविवार को परमार्थ के स्वामी चिदानंद मुनि के साथ होली खेली। उन्होंने होलिका पूजन भी किया। चिदानंद मुनि ने होली त्योहार को एकता, पवित्रता, स्वच्छता और सद्भावना का प्रतीक बताया।
रविवार को परमार्थ योग गार्डन में अमेरिका के योगाचार्य टोमी रोजेन तथा उनके साथ आए 40 योग साधकों ने चिदानन्द मुनि के साथ मिलकर होलिका का पूजन किया। चिदानंद मुनि ने विदेशी साधकों को अपने अंदर की बुराइयों के खात्मे के लिए सकंल्प कराया। उन्होंने कहा कि होली का अर्थ है समर्पित हो जाना। जीवन की हर श्वास को अपने प्रभु को अर्पित करना ही होली है। होली अर्थात पवित्रता। जीवन में दिव्यता का समावेश होना। हमें एकता के रंग में रंग जाना चाहिए और मानवता की सेवा में डूब जाना चाहिए। ईश्वर से प्रार्थना है कि इस पर्व पर हम अपने अंदर निहित आनन्द के स्रोत से जुड़ जाएं ताकि जीवन का हर क्षण उत्सव बन सके। होली अर्थात हो ली। जो हो ली वो हो ली। नए ढंग से जीवन को जिएं। एक नए ढंग से जीने का संकल्प लें। साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि हमें केवल होलिका दहन से मिलने वाले आनन्द को ही याद नहीं रखना चाहिए बल्कि अपने अंदर निहित जो अशुद्ध विचार हैं, उनका भी त्याग करना चाहिए।
Mar122017