2047 तक विकसित उत्तराखण्ड राज्य बनाने को लेकर सीएस की अध्यक्षता में हुई बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में 2047 तक विकसित उत्तराखण्ड राज्य बनाने के लिए सीपीपीजीजी (सेंटर फार पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस) और सेतु (स्टेट इंस्टीट्यूट फार एम्पावररिंग एण्ड ट्रांसफार्मिग) से संबंधित अधिकारियों के साथ प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सेतु आयोग के सदस्यों ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से इस संबंध में की गई प्रगति की जानकारी प्रस्तुत की। मुख्य सचिव ने सीपीपीजीजी और सेतु आयोग से संबंधित अधिकारियों को विकसित उत्तराखण्ड बनाये जाने की दिशा में निर्धारित किये गये विभिन्न आयामों के मानक और इंडिकेटर्स तय करने के निर्देश दिये। साथ ही इन बेंचमार्क और इंडीकेटर्स को संबंधित विभागीय सचिवों से साझा करते हुए इस संबंध में प्राप्त होने वाले सुझावों को भी प्लान में शामिल करने के निर्देश दिये।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि प्लान में स्थानीय निकायों और पंचायतों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने तथा जनसंख्या के डाटा को भी शामिल करे। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों और विशेषज्ञों के फील्ड के अनुभवों और सुझावों को भी इंडीकेटर में शामिल करें तथा निर्धारित टाइमलाइन के अनुरूप कार्याे की प्रगति को पूर्ण करें।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नियोजन श्रीधर बाबू अदांकी, निदेशक सेतु आयोग मनोज पंत सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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रोड़ सेफ्टी का ऐसा मैकेनिज्म तैयार करें जो तकनीकी युक्त हो, इंप्लीमेंट करने में सरल और व्यावहारिक होः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में राज्य सडक सुरक्षा कोष प्रबंध समिति की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग, पुलिस विभाग और संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि सडक सुरक्षा के उल्लंघन से संबंधित जीरो टॉलरेंस की कार्यवाही अमल में लायी जाए। सडक सुरक्षा के मानकों के उल्लंघन की स्थिति में उसका अधूरा इंप्लीमेंटेशन न हो बल्कि जो भी इन्फोर्समेंट की कार्यवाही की जाती है उसका त्वरित गति से तथा शत प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। इसके लिए सडक सुरक्षा के मानकों में यदि राज्य की परिधि के अंतर्गत संशोधन भी करना भी पडे तो किया जाए।

उन्होंने निर्देशित किया कि रेड लाईट जम्पिंग करने वालों का कम से कम तीन माह के लिए लाईसेंस निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरण जिसमें सडक सुरक्षा का उल्लंघन होने पर चालान की कार्यवाही पूर्ण की जा चुकी है किंतु संबंधित व्यक्ति द्वारा अभी तक उसके कंपाउंडिंग की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है तो संबंधित वाहन को सीसीटीवी कैमरे से ट्रैक करते हुए अग्रिम कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि ट्रैफिक संचालन को अधिक से अधिक ऑटोमोड और डिजीटल में क्रियान्वित करने के लिए जो भी उपकरण, ट्रैफिक व स्ट्रीट लाईट अथवा अद्यतन तकनीकी उपकरण को शामिल करना हो तो उसका प्रस्ताव प्रस्तुत करें।

उन्होंने इन्फोर्समेंट की कार्यवाही के साथ साथ व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने परिवहन विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि सडक दुर्घटना की आपात स्थिती में त्वरित मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेली एंबुलेंस तथा अन्य बेहतर विकल्पों पर विचार करें तथा बारीकी से उसका होमवर्क करते हुए प्रस्ताव तैयार करें।

बैठक में सचिव शैलेश बगोली व बृजेश कुमार संत, पुलिस महानिरीक्षक निलेश आनंद भरणे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।